दिल्ली में नकली दवाओं पर सरकार ने कसी नकेल, अब सीसीटीवी की निगरानी में बिकेंगी मेडिसिन
दिल्ली में नकली दवाओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाया है। अब सभी दवा की दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इससे दवाओं की अवैध बिक्री पर रोक लगेगी। दिल्ली ड्रग कंट्रोल विभाग ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया। यह फैसला नेशनल नारकोटिक्स कोआर्डिनेशन पोर्टल की बैठक में लिया गया जिसका उद्देश्य शेड्यूल एच एच-1 और एक्स दवाओं की अवैध बिक्री रोकना है।

अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में नकली दवाओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए दवाओं की बिक्री पर सख्त नियंत्रण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी दवा की दुकानें अब सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में दवाओं की बिक्री करेंगी।
सरकार की ओर से विशेष सचिव स्वास्थ्य व परिवार कल्याण दानिश अशरफ ने 23 जुलाई को जारी पत्र में दिल्ली ड्रग्स कंट्रोल विभाग को इसे सुनिश्चित कराने के आदेश दिए हैं। दिल्ली ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने 24 जुलाई को दिल्ली के सभी केमिस्ट एसोसिएशनों को आदेश का पालन करने के लिए पत्र जारी कर दिया हैं।
विभाग का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य शेड्यूल एच, एच-1 और एक्स दवाओं की अवैध व नकल की बिक्री पर प्रभावी अंकुश लगाना और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस बाबत् नेशनल नारकोटिक्स कोआर्डिनेशन पोर्टल (एनसीओआरडी) की 11वीं बैठक में विशेष सचिव (स्वास्थ्य व परिवार कल्याण) ने निर्देश जारी किए थे।
इसके तहत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और दिल्ली चाइल्ड राइट्स प्रोटेक्शन कमीशन (डीसीपीसीआर) के सहयोग से सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया गया है ताकि दवाओं के दुरुपयोग और नशे के लिए इनके उपयोग पर नजर रखी जा सके। दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों से नकली और संदिग्ध गुणवत्ता वाली दवाओं की बिक्री की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। नियमित निरीक्षण, कार्रवाई के बावजूद इनमें कमी नहीं आई।
विभाग ने जानकारी दी कि दिल्ली की सभी केमिस्ट एसोसिएशन व 16 हजार फुटकर तथा 14 हजार थोक की दवा दुकानों तथा गोदामों को पहले भी सीसीटीवी कैमरे लगाने की सलाह दी गई थी पर, जांच में सामने आया कि तमाम ने इसका अनुपालन नहीं किया, सीसीटीवी कैमरें नहीं लगाए।
फार्मेसियों को बढ़ानी होगी निगरानी
डीसीपीसीआर के साथ मिलकर बनाई गई संयुक्त कार्रवाई योजना (जेएपी) के तहत फार्मेसियों को अपने परिसर में निगरानी व्यवस्था मजबूत करनी होगी। दिल्ली ड्रग्स कंट्रोल विभाग के प्रमुख केआर चावला ने आदेश को जनहित में मजबूत कदम बताया। साथ ही सभी से इसके तत्काल अनुपालन का आह्वान भी किया।
क्या होती हैं
शेड्यूल एच, शेड्यूल एच-वन, और शेड्यूल एक्स दवा भारत में ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत बिक्री, वितरण और उपयोग पर कड़ा नियंत्रण रखने को वर्गीकृत की गई हैं।
शेड्यूल एच दवा
ये वह दवा हैं जो चिकित्सक पर्चे (प्रिस्क्रिप्शन) के बिना कतई नहीं बेची जा सकतीं। इनमें एंटीबायोटिक्स, सेडेटिव्स, एंटी-डिप्रेसेंट्स, और अन्य प्रभावशाली दवाएं शामिल हैं, जो स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं।
शेड्यूल एच-वन दवा
इस श्रेणी को 2016 में जोड़ा गया है, जिसमें विशेष रूप से एंटीबायोटिक्स और कुछ अन्य संवेदनशील दवा शामिल हैं। इनका उपयोग बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज में होता है, इनके अनुचित उपयोग से एंटीबायोटिक प्रतिरोध बढ़ता है।
शेड्यूल एक्स दवा
इस श्रेणी की दवा अत्यंत संवेदनशील और नशीली होती हैं, जिनका दुरुपयोग नशे या गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का कारण बन सकता है। इनमें नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ शामिल होता हैं।
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