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    Delhi News: अल्लाह और ओम को एक बताने पर धार्मिक विवादों का अखाड़ा बना सद्भावना मंच

    By Jagran NewsEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Mon, 13 Feb 2023 08:44 AM (IST)

    दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का तीन दिवसीय महाधिवेशन में रविवार को विवादों का अखाड़ा बन गया। धार्मिक सद्भावना को लेकर आयोजित सम्मेलन ...और पढ़ें

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    अल्लाह और ओम को एक बताने पर धार्मिक विवादों का अखाड़ा बना सद्भावना मंच। फोटो सोर्स-जागरण फोटो।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का तीन दिवसीय महाधिवेशन के अंतिम दिन रविवार को विवादों का अखाड़ा बन गया। धार्मिक सद्भावना को लेकर आयोजित सम्मेलन में हिंदू व अन्य गैर-मुस्लिम धर्मगुरुओं की मंच पर मौजूदगी के दौरान जमीयत के अरशद गुट के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने ‘अल्लाह’ और ‘ओम’ को एक बता दिया।

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    अधिवेशन के आयोजक जमीयत के प्रमुख महमूद मदनी ने एक दिन पहले जिस संघ प्रमुख मोहन भागवत को संवाद के लिए न्योता दिया था, उन पर भी अरशद मदनी ने गंभीर टिप्पणी कर दी। इससे विवाद इतना बढ़ा कि मदनी को शास्त्रार्थ की चुनौती देकर जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि व अन्य धर्मगुरु मंच से उतर गए।

    मदनी ने उन्हें मेहमान बताकर रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं रुके। लोकेश मुनि ने दावा किया कि मंच से उतरते समय उन पर हमले की कोशिश की गई, लेकिन कुछ लोगों ने बचा लिया। जैन मुनि ने जब मंच से अरशद मदनी के बयान का विरोध किया, तब दर्शक दीर्घा से उनके खिलाफ नारे लगे थे। महाधिवेशन के आखिरी दिन धार्मिक सद्भावना सम्मेलन में मंच पर मौलाना महमूद मदनी, जैन मुनि आचार्य लोकेश, परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती, सिख धर्मगुरु सरदार चंडोक सिंह भी मौजूद थे।

    जमीयत के अरशद गुट के प्रमुख अरशद मदनी ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा, ‘हम ‘आदम’ की औलाद को ‘आदमी’ कहते हैं, जबकि ये (हिंदू) ‘मनु’ की औलाद को ‘मनुष्य’ कहते हैं। मैंने बड़े-बड़े धर्मगुरुओं से पूछा कि जब न श्रीराम थे, न ब्रह्मा और शिव, तब मनु यानी आदम किसकी पूजा करते थे। बहुत कम लोग बताते हैं कि वह ‘ओम’ को पूजते थे, जिसका कोई रंग नहीं है। वह हवा है। उसने आसमान बनाया, उसने ही जमीन बनाई। उसे ही तो हम अल्लाह कहते हैं। इन्हीं को तो तुम ईश्वर कहते हो, फारसी बोलने वाले खुदा कहते हैं और अंग्रेजी बोलने वाले गाड कहते हैं। इसका मतलब मनु यानी आदम, ओम यानी अल्लाह को पूजते थे।’

    अल्लाह व ओम को एक... मदनी ने कहा, ‘घर वापसी और सारे मुसलमानों को हिंदू बताने जैसा बयान ‘जाहिल’ जैसा है। इस पर वहां मौजूद तमाम धर्मगुरु आपत्ति जताने लगे। जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि ने कहा, ‘मदनी साहब मेरे पिता समान हैं, लेकिन जितनी कहानी उन्होंने सुनाई है, अल्लाह, मनु, ये वो... सब बकवास है। मैं उन्हें शास्त्रार्थ की चुनौती देता हूं। आप दिल्ली आएं या मुझे सहारनपुर बुलाएं। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर हुए। पार्श्वनाथ 23वें थे, इसके पहले 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ थे, जो योगीराज कृष्ण के चचेरे भाई थे।

    पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव थे जिनके पुत्र भरत और बाहुबली के आधार पर भारत का नाम पड़ा है। हम केवल इस पर सहमत हैं कि मिल जुलकर प्यार मोहब्बत से रहें। लेकिन आपने सारे प्रयासों पर पलीता लगा दिया।’ इतना कह वह मंच से उतर गए। सरदार चंडोक सिंह सहित सर्वधर्म संसद से जुड़े अन्य धर्मगुरु भी मंच से उतर गए।

    संघ प्रमुख पर की आपत्तिजनक टिप्पणी

    अरशद मदनी यहीं नहीं रुके। महाधिवेशन के शुरुआती दो दिन में आरएसएस समेत हिंदू संगठनों से संवाद बढ़ाने की कोशिश को पलीता लगाते हुए उन्होंने संघ प्रमुख भागवत पर भी विवादित टिप्पणी की। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महाधिवेशन में लोकेश मुनि सहित अन्य धर्मगुरुओं ने अरशद मदनी को शास्त्रार्थ की चुनौती दी।

    वहीं, लोकेश मुनि ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह मंच से उतर रहे तो उन पर हमले की कोशिश की गई, लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें बचा लिया।

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