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    Rekha Gupta: शपथ लेने के बाद एक्शन मोड में CM रेखा गुप्ता, यमुना की सफाई पर लिया बड़ा फैसला

    Updated: Thu, 20 Feb 2025 04:59 PM (IST)

    Rekha Gupta News रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार और घोषणा पत्र में यमुना की सफाई को प्राथमिकता दी और जनता से वादा किया कि हमारी सरकार आने पर यमुना को साफ करेंगे। अब यमुना नदी को पुनर्जीवित करने की कार्ययोजना अब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के हाथों में है। लेख के माध्यम से पढ़िए पूरी खबर।

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    Delhi News: यमुना पुनर्जीवन पीएमओ ने कार्ययोजना की कमान संभाली। जागरण फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली को अपना नया मुख्यमंत्री मिल गया है। पहली बार विधायक बनी रेखा गु्प्ता को विधायक दल की बैठक में सीएम चुना गया। आज उन्होंने पद और गोपनीयती की शपथ भी ले ली और एक्शन मोड में नजर आ रही हैं। इसी को देखते हुए सीएम रेखा अपनी पूरी कैबिनेट के साथ यमुना घाट पर आरती करे इतिहास रचेंगी क्योंकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। यमुना सफाई को लेकर भी दिल्ली सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है।

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    राष्ट्रीय राजधानी में सरकार बदलने के साथ यमुना को पुनर्जीवित करने की कार्ययोजना प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को सौंप दी गई है। इसमें सीवेज उपचार क्षमता को बढ़ावा देने और अन्य महत्वपूर्ण उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पर्यावरण विभाग के तहत दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा यह कार्य-योजना गत सप्ताह दी गई थी।

    यमुना सफाई को लेकर एक्शन मोड में अधिकारी

    अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में प्रमुख नालों को टैप करना, नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करना, जेजे समूहों में जल निकासी प्रणाली को जोड़ना, सभी नालों को रोकना, सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (सीईटीपी) को अपग्रेड करना, बाढ़ के मैदानों से अतिक्रमण हटाना और रिवरफ्रंट का सुंदरीकरण करना शामिल है।

    कार्ययोजना के अनुसार डीपीसीसी ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि शहर में पल्ला से असगरपुर गांव तक यमुना के 48 किलोमीटर के हिस्से को “प्राथमिकता -1” (सर्वोच्च प्राथमिकता) प्रदूषित खंड के रूप में वर्गीकृत किया गया है। कार्ययोजना में एक प्रमुख चिंता उच्च बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी) स्तर है, जो तीन मिलीग्राम प्रति लीटर के वांछित मानक से काफी ऊपर है।

    फोटो एएनआई।

    प्रदूषण पर कैसे लगेगी अंकुश ?

    पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्ययोजना में 23 क्यूमेक्स (437 एमजीडी) के न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह (ई-फ्लो) की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। हालांकि, मौजूदा पानी की कमी के कारण दिल्ली में वर्तमान प्रवाह लगभग शून्य है। इसमें कहा गया है कि रेणुका, लखावर और किशाऊ समेत लंबित बांध परियोजनाएं इस अंतर को दूर करने में मदद कर सकती हैं।

    प्रदूषण पर अंकुश लगाने की योजना में 100 प्रतिशत सीवेज उपचार पहल शामिल है, जिसमें 37 मौजूदा एसटीपी को अपग्रेड करना और नए का निर्माण करना शामिल है। दिल्ली गेट पर एक नए एसटीपी और पाइपलाइन में 40 नए विकेन्द्रीकृत एसटीपी (डीएसटीपी) की योजना के साथ शहर की सीवेज उपचार क्षमता 2023 में 792 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) से बढ़कर दिसंबर 2026 तक 964.5 एमजीडी हो जाएगी।

    फोटो एएनआई।

    इसके अतिरिक्त 14 मौजूदा एसटीपी को दिसंबर 2026 तक अपग्रेड करने के लिए निर्धारित किया गया है। यमुना में गिरने वाले 22 नालों पर जाली लगाकर उनका रुख मोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है। 10 नालों को पहले ही टैप किया जा चुका है, दो को आंशिक रूप से टैप किया गया है और आठ को टैप नहीं किया गया है।

    दिसंबर 2025 तक 48.14 एमजीडी अपशिष्ट जल को मोड़ने के लिए पांच प्रमुख नालों नजफगढ़, शाहदरा, बारापुला, महारानी बाग और मोरी गेट पर अभी ध्यान दिया जाना बाकी है। वर्तमान में 1,799 अनधिकृत कालोनियों में काम चल रहा है।

    अतिक्रमण की चिंता पर कार्ययोजना में कहा गया है कि 31 माह में 1,500 एकड़ से अधिक बाढ़ के मैदान को साफ किया गया है, ड्रोन सर्वेक्षण से इसे और हटाने में सहायता मिल रही है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को नदी तटीय क्षेत्रों को बहाल करने, जैव विविधता पार्क विकसित करने और निर्माण मलबे को हटाने का काम सौंपा गया है।

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