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    Delhi Water Supply: दिल्ली वालों को क्यों होती है पानी की किल्लत? सामने आई बड़ी वजह

    By Santosh Kumar Singh Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 09 Apr 2025 08:52 PM (IST)

    दिल्ली को रोज़ाना 1250 एमजीडी पानी की जरूरत है लेकिन केवल 1005 एमजीडी उपलब्ध है जिसमें से आधा लीकेज या चोरी से बर्बाद हो जाता है। मुख्य समस्या पुरानी ...और पढ़ें

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    जल आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त करने को चाहिए 30 हजार करोड। जागरण

    संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली में हर नागरिक को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए उपलब्ध जल का समुचित वितरण जरूरी है। वर्तमान जरूरत के लिए करीब 1250 मिलियन गैलन जल प्रतिदिन (एमजीडी) की जरूरत है। इसके सापेक्ष करीब एक हजार एमजीडी जल उपलब्ध है।

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    आधा जल चोरी या लीकेज से कारण बर्बाद

    इसमें से आधा जल चोरी या लीकेज के कारण बर्बाद हो जाता है। जल बर्बादी का प्रमुख कारण पाइप लाइन का क्षतिग्रस्त होना है। इसके समाधान के लिए पुरानी पाइप लाइन को बदलने की जरूरत है। इसके लिए करीब 30 हजार करोड़ की धनराशि की जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए चरणबद्ध तरीके से यह कार्य किया जाएगा।

    दिल्ली अपने नागरिकों की प्यास बुझाने के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है। इसके बावजूद पानी की बर्बादी रोकने और जलापूर्ति प्रबंधन को बेहतर बनाने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। दिल्ली जल बोर्ड को भी इसकी जानकारी नहीं है कि लीकेज के कारण कितना पानी बर्बाद होता है।

    पिछले साल इस संबंध में विधानसभा में पूछे गए सवाल पर दिल्ली जल बोर्ड ने कहा था कि लीकेज के कारण पानी की बर्बादी का कोई रिकॉर्ड नहीं है। दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण 2024 के अनुसार, करीब 15473 किलोमीटर लंबी पानी की पाइपलाइन के जरिए लोगों के घरों में पानी की आपूर्ति की जाती है। इसमें से एक हजार किलोमीटर से अधिक पाइपलाइन 10 साल या उससे अधिक पुरानी है।

    आप सरकार में किया गया था ये सुधार

    मध्य दिल्ली समेत कई इलाकों में 30 से 40 साल पुरानी पाइपलाइन के जरिए पानी की आपूर्ति की जा रही है। आप सरकार ने दावा किया था कि उसके कार्यकाल में करीब 3500 किलोमीटर पुरानी पाइपलाइन को बदला गया है।

    भाजपा का आरोप है कि आम आदमी पार्टी के शासन में पिछले 10 साल में न तो पानी की उपलब्धता बढ़ाने पर ध्यान दिया गया और न ही नई पाइपलाइन बिछाने और पुरानी पाइपलाइनों को बदलने की कोई ठोस पहल की गई।

    दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा का कहना है कि दिल्ली की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए जल वितरण प्रणाली के उन्नयन पर ध्यान न देने से समस्या बढ़ी है। आबादी बढ़ती रही, लेकिन उस हिसाब से जल उपलब्धता और वितरण प्रणाली पर ध्यान नहीं दिया गया।

    पाइपलाइनें पुरानी और कम क्षमता की होने के कारण क्षतिग्रस्त हो रही हैं। पूरे नेटवर्क को दुरुस्त करने की जरूरत है, जिसके लिए 30 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है। जल बोर्ड के हर सर्कल में पुरानी पाइपलाइनों की पहचान की जा रही है। उसी हिसाब से चरणबद्ध तरीके से बदलने का काम किया जाएगा।

    पानी से संबंधित तथ्य

    • पानी कुल आवश्यकताः 1250 एमजीडी
    • उपलब्धताः1005 एमजीडी
    • कुल पाइप लाइनः 15473 किलोमीटर
    • वर्ष 2014 में कुल पाइप लाइनः 1400 किलोमीटर
    • कुल भूमिगत जलाशयः 117
    • जल शोधन संयंत्रः10

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