दिल्ली में मानसून से पहले 250 किमी सड़कों की होगी मरम्मत, मंत्री प्रवेश वर्मा ने दिए सख्त निर्देश
दिल्ली में पीडब्ल्यूडी अगले एक साल में 600 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत करेगा जिसमें 250 किलोमीटर काम मानसून से पहले और 350 किलोमीटर बाद में होगा। संचालन ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले सालों में सड़कों की खराब हालत से परेशान जनता की समस्या को समझते हुए भाजपा सरकार ने सड़कों की मरम्मत पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। इस संबंध में सरकार ने अगले एक साल में 600 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत की योजना बनाई है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को बताया कि इसमें से 250 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत मानसून से पहले कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई सड़कों की पहचान कर ली गई है और पहले चरण के तहत राष्ट्रीय राजधानी में 250 किलोमीटर लंबे ऐसे हिस्सों पर काम चल रहा है। वर्मा ने कहा कि मानसून के बाद हम सड़क मरम्मत का दूसरा चरण शुरू करेंगे और पूरा करेंगे।
इसके तहत 350 किलोमीटर और सड़कों की मरम्मत की जाएगी, जिसके लिए हमने सड़कों की पहचान और बजट आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
मंत्री ने कहा कि इन सड़क मरम्मत कार्यों के लिए संचालन और रखरखाव अनुबंध न्यूनतम दो साल की अवधि के लिए होगा। यदि उस अवधि के दौरान कोई सड़क क्षतिग्रस्त होती है, तो उसकी मरम्मत की जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी और पीडब्ल्यूडी को कोई अतिरिक्त लागत वहन नहीं करनी होगी।
हर साल होती है इतनी किमी सड़कें की मरम्मत
वर्मा ने कहा कि औसतन हर साल 200-240 किलोमीटर सड़क की मरम्मत की जाती है। हम इसे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं और पीडब्ल्यूडी ने 600 किलोमीटर सड़कों का लक्ष्य रखा है। इसके तहत मरम्मत कार्य में सड़क की रीकार्पेटिंग, पैचवर्क, गड्ढों की मरम्मत और अन्य एजेंसियों द्वारा खोदी गई सड़कों की मरम्मत शामिल होगी। पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़क मरम्मत का काम मार्च के मध्य से जून के मध्य तक किया जाता है और फिर मानसून के कारण रोक दिया जाता है।
पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले से चिन्हित सड़कों के लिए निविदाएं आमंत्रित की जा रही हैं और नोएडा लिंक रोड, भैरों मार्ग के पास रिंग रोड और आउटर रिंग रोड जैसे कुछ क्षेत्रों में जमीनी काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, "हम गड्ढे भी भर रहे हैं।"
दिल्ली में पीडब्ल्यूडी 1,400 किलोमीटर लंबी सड़कों का रखरखाव करता है, जिनकी न्यूनतम चौड़ाई 60 फीट है। इनमें से कई सड़कें 2012 में एमसीडी से विभाग को हस्तांतरित की गई थीं।
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