Delhi Metro Phase-4: चौथे चरण की सबसे लंबी सुरंगों का खोदाई का काम पूरा, जानिए जमीन से कितनी नीचे दौड़ेगी मेट्रो
Delhi Metro Construction दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के अंतर्गत मजेंटा लाइन पर बन रहे जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मेट्रो कॉरिडोर पर डेरावल नगर को पुलबंगश से जोड़ने वाली तीन किलोमीटर लंबी दो समानांतर सुरंगों की खोदाई का काम पूरा हो गया है। यह दिल्ली मेट्रो की सबसे लंबी सुरंग है। दोनों सुरंग जमीन की सतह से लगभग 15 मीटर की गहराई पर बनाई गई हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। निर्माणाधीन जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मेट्रो कॉरिडोर पर डेरावल नगर को पुलबंगश से जोड़ने वाली तीन किलोमीटर लंबी दो समाानांतर सुरंगों की खोदाई का काम पूरा हो गया है। दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के अंतर्गत मजेंटा लाइन पर इस कॉरिडोर का निर्माण कार्य चल रहा है। इस चरण की यह सबसे लंबी सुरंग हैं।
दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र और दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के प्रबंधक निदेशक डॉ. विकास कुमार की उपस्थिति में बुधवार को पुलबंगश मेट्रो स्टेशन पर दो टनल बोरिंग मशीनें (टीबीएम) ‘भूमि’ और ‘सृष्टि’, एक साथ बाहर निकाली गईं। पहली बार समानांतर सुरंग खोदने का काम एक साथ पूरा किया गया है।
एक दिन में आठ मीटर हुई खोदाई
सुरंगों का आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है। आपात स्थिति में इन्हें आपस में जोड़ने के लिए छह क्रॉस-पैसेज का निर्माण किया गया है। मात्र 14 माह में ही प्रति टनल प्रति दिन औसतन 8.2 मीटर की गति से लगभग 2997 मीटर टनल खोदाई का कार्य किया गया।
जमीन से 15 मीटर नीचे सुरंग
दोनों सुरंग जमीन की सतह से लगभग 15 मीटर की गहराई पर बनाई गई हैं। यह राणा प्रताप बाग और पंजाबी बस्ती कॉलोनी जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों के साथ ही नजफगढ़ नाले के नीचे से भी गुजरेंगी। नाले के कारण यह एक संवेदनशील खंड है। इसके बाद भी सुरंग को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक (कारपोरेट कम्युनिकेशंस) अनुज दयाल ने बताया कि इससे पहले 21 अगस्त को दिल्ली एरोसिटी- तुगलकाबाद कॉरिडोर की छतरपुर मंदिर क्षेत्र में टीबीएम का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।