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दिल्ली मेट्रो ने बताया कि हर सीट पर बैठने की अनुमति का क्या है मतलब, पीक ऑवर में यात्रा करने से बचने की भी सलाह

भीड़भाड़ रोकने के लिए पीक आवर के दौरान यात्रा करने से बचें साथ ही ये भी कहा गया है कि हर सीट पर बैठने की अनुमति का मतलब यह है कि मेट्रो अभी भी सिर्फ 20% क्षमता पर चल रही है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 03:38 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 03:38 PM (IST)
मेट्रो ने पीक आवर के दौरान यात्रियों से भीड़भाड़ रोकने के लिए अपील की है।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली मेट्रो ने अपने यात्रियों से पीक आवर के दौरान मेट्रो स्टेशन और ट्रेन में भीड़भाड़ रोकने के लिए एक बार फिर अपील की है। मेट्रो की ओर से अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया गया है कि भीड़भाड़ रोकने के लिए पीक आवर के दौरान यात्रा करने से बचें, साथ ही ये भी कहा गया है कि हर सीट पर बैठने की अनुमति का मतलब यह है कि मेट्रो अभी भी सिर्फ 20% क्षमता पर चल रही है। इसलिए यदि कोई यात्री पीक आवर में ये समझकर मेट्रो में यात्रा करने के लिए आता है तो उसे फिलहाल ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि मेट्रो स्टेशन पर पीक आवर में अभी भी काफी भीड़ हो रही है। जो लोग भीड़ से बचकर यात्रा करना चाहते हैं वो पीक आवर में यात्रा करने से बचें।

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दरअसल कोरोना वायरस की दूसरी लहर थमने के बाद कामकाजी लोगों की बाहर निकलने से आवाजाही बढ़ गई है। इससे सुबह-शाम व्यस्त समय में मेट्रो स्टेशनों के बाहर यात्रियों की लंबी कतारें लगने लगी हैं। उन्हें स्टेशन पर पहुंचने के लिए कतार में 20 से 40 मिनट तक इंतजार करना पड़ रहा है। सुबह में पीक आवर के दौरान कई मेट्रो स्टेशनों के बाहर यात्रियों की ऐसी लाइन देखी जा सकती है। इसी के साथ राजीव चौक जैसे मेट्रो स्टेशन पर शाम के पीक आवर में 40 मिनट तक वेटिंग टाइम भी हो जाता है। रोजाना शाम को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर यही हाल देखने को मिलता है, जबकि मेट्रो सिर्फ 10 फीसद क्षमता के साथ चल रही है।

दिल्ली मेट्रो में फिलहाल सिर्फ 50 फीसद यात्री कर रहे हैं सफर

मेट्रो में अभी खड़े होकर सफर करने का प्रविधान नहीं है। खड़े होकर सफर करने पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) द्वारा चालान किया जा रहा है। मेट्रो में कुछ दिन पहले ही सभी सीटों पर बैठकर सफर करने की इजाजत दी गई है, इससे पहले एक सीट छोड़कर लोग बैठ रहे थे। मेट्रो की सीट क्षमता करीब 50 है, जबकि सामान्य तौर पर एक कोच में करीब 300 यात्रियों के सफर करने की क्षमता है।

कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने पर लग रहा 200 रुपये फाइन

दिल्ली मेट्रो स्टेशन और ट्रेन में यात्रा के दौरान शारीरिक दूरी का नियम तोड़ने और मास्क नहीं पहनने पर लोगों के ऊपर 200 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। यह अलग बात है कि मास्क नहीं लगाने और शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने पर बाकी दिल्ली में 2000 रुपये का फाइन लगाया जाता है।

हालांकि कुछ दिन पहले दिल्ली हाइकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी जिसमें कहा गया था कि दिल्ली मेट्रो में 100 फीसद बैठने की क्षमता की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, इस पर विचार करना चाहिए। दिल्ली सरकार ने फैसले में हस्तक्षेप करने से कोर्ट ने इनकार कर दिया था, कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा था कि मेट्रो का इस्तेमाल करना अनिवार्य नहीं है, आप चाहे तो इस्तेमाल न करें। इसी के साथ यह तय हो गया है कि फिलहाल दिल्ली मेट्रो 100 फीसद सिटिंग कैपिसिटी के साथ ही रफ्तार भरती रहेगी।

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