DSGMC Election: सियासत के धुरंधर खिलाड़ी हैं मनजिंदर सिंह सिरसा को मात देने वाले हरविंदर सिंह सरना
डीएसजीएमसी के निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को हार का सामना करना पड़ा है। पंजाबी बाग वार्ड से उन्हें शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने पांच सौ से ज्यादा मतों से पराजित किया।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) ने बहुमत हासिल कर लिया है। पार्टी तीसरी बार डीएसजीएमसी की सत्ता पर काबिज होगी। शिअद बादल को यह सफलता जरूर मिली लेकिन चुनाव में पार्टी का चेहरा व डीएसजीएमसी के निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को हार का सामना करना पड़ा है। पंजाबी बाग वार्ड से उन्हें शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने पांच सौ से ज्यादा मतों से पराजित किया।
हरविंदर सिंह सरना दिल्ली की सिख राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं। डीएसजीएमसी के अध्यक्ष रहने के साथ ही वह श्रीपटना साहिब प्रबंधकीय बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इनके बड़े भाई परमजीत सिंह सरना भी डीएसजीएमसी के अध्यक्ष रह चुके हैं और पार्टी का नेतृत्व भी इन्हीं के हाथ में है।
पिछले चुनाव में वह खुद सिरसा के खिलाफ मैदान में थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। इस बार उन्होंने अपने छोटे भाई हरविंदर सिंह सरना को मैदान में उतारा। उनका यह दांव सही साबित हुआ और दिल्ली में शिअद बादल के सबसे बड़े नेता को पटखनी देने में सफल हुए। इनकी जीत से कमेटी में पार्टी की दमदार उपस्थिति हो सकेगी। इनके अनुभव से पार्टी सत्ता पक्ष को घेरने में सफल रहेगी।
उनका कहना है कि संगत व कार्यकर्ताओं की मदद से ही वह चुनाव जीत सके हैं। इसके अलावा मेरे बच्चों ने भी इसके लिए बहुत मेहनत की। पार्टी के अध्यक्ष परमजीत सरना ने चुनाव की पूरी रणनीति बनाई। पूरा प्रचार की कमान भी उन्होंने खुद संभाली और जीत दिलाने के लिए बहुत मेहनत की उनकी मेहनत रंग लाई है। करीब सवा पांच सौ वोट से जीत मिली है।
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