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    क्या है Delhi Metro का एंटी ड्रैग सिस्टम? अब दरवाजों में नहीं फंसेंगे आपके कपड़े और सामान; पढ़ें डिटेल

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 06:23 PM (IST)

    दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए एंटी ड्रैग सिस्टम लगाने की पहल की है। रेड लाइन की एक ट्रेन में यह सिस्टम लगाया गया है और ट्रायल चल रहा है। इस सिस्टम से दरवाजे में कपड़े या सामान फंसने की घटनाएं रुकेंगी जिससे मेट्रो में सफर और भी सुरक्षित हो जाएगा। पुराने कॉरिडोर की सभी ट्रेनों में यह सिस्टम लगाया जाएगा।

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    मेट्रो के दरवाजों में नहीं फसेंगे कपड़े व सामान, लग रहा एंटी ड्रैग सिस्टम।

    रणविजय सिंह, नई दिल्ली। मेट्रो में चढ़ने या उतरने की जल्दबाजी में ट्रेन के दरवाजे में कपड़े या कोई सामान फंसने के कारण होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल निगम) ने एंटी ड्रैग सिस्टम लगाने की पहल की है। इसी क्रम में डीएमआरसी ने रेड लाइन की एक मेट्रो ट्रेन के दरवाजों में एंटी ट्रैग सिस्टम लगाने का काम पूरा कर लिया है।

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    इसका अभी ट्रायल किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त रेड व ब्लू लाइन की चार अन्य ट्रेनों में भी इसे लगाने का काम जल्द पूरा हो जाएगा। इसका ट्रायल सफल होने के बाद पुराने कारिडोर की सभी मेट्रो ट्रेनों के दरवाजों में यह सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे मेट्रो ट्रेन के दरवाजों में साड़ी, दुपट्टे, रूमाल, बैग का फीता इत्यादि फंसने की घटनाएं नहीं होगी और मेट्रो में सफर ज्यादा सुरक्षित होगी।

    मौजूदा समय में मेट्रो के दरवाजे में सेंसर लगे होते हैं

    मौजूदा समय में मेट्रो के दरवाजे में सेंसर लगे होते हैं। इससे 15 मिलीमीटर तक की मोटाई की कोई भी चीज सामने आने पर दरवाजे बंद नहीं होते। लेकिन इससे पतली चीजें मेट्रो के दरवाजों में फंसने की आंशका रहती है। 14 दिसंबर 2023 को रेड लाइन (रिठाला-शहीद स्थल न्यू बस अड्डा गाजियाबाद) के इंद्रलोक स्टेशन पर मेट्रो के दरवाजे में एक महिला की साड़ी फंस गई थी।

    इस वजह से महिला मेट्रो के साथ प्लेटफार्म पर घसीटती चली गई। बाद में प्लेटफार्म के अंतिम छोर पर लगे ग्रिल से टकराकर वह प्लेटफार्म से नीचे मेट्रो ट्रैक पर गिरी। इस घटना में गंभीर चोट लगने के कारण अस्पताल में इलाज के दौरान उस महिला यात्री की मौत हो गई थी। इस घटना से मेट्रो में सुरक्षित सफर पर गंभीर सवाल उठे थे।

    ट्रेनों में एंटी ड्रैग सिस्टम लगाने की सिफारिश की गई

    मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने जांच में मेट्रो ट्रेनों में एंटी ड्रैग सिस्टम लगाने की सिफारिश की गई थी। बाद में केंद्रीय आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय के निर्देश पर पिछले वर्ष जून में डीएमआरसी ने तीन करोड़ की लागत से रेड व ब्लू लाइन की पांच ट्रेनों के 40 कोच में एंटी ड्रैग सिस्टम लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी।

    सभी आठ कोच के दरवाजों में एंटी ड्रैग सिस्टम लग गया

    डीएमआरसी का कहना है कि एक ट्रेन के सभी आठ कोच के दरवाजों में एंटी ड्रैग सिस्टम लग गया है। चार अन्य ट्रेनों में भी इसे लगाने का काम चल रहा है। स्टेशन से मेट्रो ट्रेनाें के खुलने पर दरवाजों के बीच में 0.8 मिलीमीटर तक की पतली चीजें भी फंसने पर यह एंटी ड्रैग सिस्टम सक्रिय हो जाएगा और इमरजेंसी ब्रेक लगने से ट्रेन आगे नहीं बढ़ पाएगी।

    एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन और फेज तीन में बनी पिंक व मजेंट लाइन के स्टेशनों पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर लगाए गए हैं। फेज चार के कारिडोर के स्टेशनों पर भी स्क्रीन डोर लगाए जाएंगे। इसलिए इन कॉरिडोर की मेट्रो में एंटी ड्रैग सिस्टम की खास जरूरत नहीं है लेकिन रेड, ब्लू, यलो, वायलेट व ग्रीन लाइन की सभी मेट्रो ट्रेनों में इसे लगाने की जरूरत है।

    प्लेटफार्म पर तैनात किए गए हैं सुरक्षा गार्ड

    इंद्रलोक स्टेशन की घटना के बाद कई मेट्रो स्टेशनों के प्लेटफार्म पर सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं। स्टेशन पर ट्रेनों में सभी यात्रियों के सवार होने और सुरक्षा गार्ड द्वारा इशारा करने के बाद ट्रेनें स्टेशन से रवाना होती हैं।

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