Delhi Metro अपने 206 किमी लंबे नेटवर्क का करेगी विस्तार, सरकार को भेजा गया 18 कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव
दिल्ली मेट्रो के फेज 5 में एनसीआर के लिए 206.5 किलोमीटर लंबे 18 नए मेट्रो कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इस विस्तार से दिल्ली के लगभग हर हिस्से में मेट्रो सेवा उपलब्ध हो सकेगी और सड़कों पर वाहनों का दबाव और वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। डीएमआरसी ने हाल ही में मंत्रालय को पत्र लिखकर सैद्धांतिक मंजूरी मांगी है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। फिलहाल फेज 4 कॉरिडोर के निर्माण के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी की लाइफलाइन बन चुकी मेट्रो के फेज 5 में विस्तार की भी तैयारी शुरू हो गई है।
इसी क्रम में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को एनसीआर में फेज 5 में 206.5 किलोमीटर नेटवर्क के 18 मेट्रो कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव भेजा है, जिसमें फेज 4 में पांच नई मेट्रो लाइनें और अन्य मौजूदा व निर्माणाधीन कॉरिडोर के विस्तार प्रोजेक्ट शामिल हैं। डीएमआरसी ने हाल ही में मंत्रालय को पत्र लिखकर सैद्धांतिक मंजूरी मांगी है।
अगर ये परियोजनाएं क्रियान्वित होती हैं तो दिल्ली एनसीआर में मेट्रो परिवहन आसान हो जाएगा और दिल्ली के लगभग हर हिस्से में मेट्रो सेवा उपलब्ध हो सकेगी। इससे सड़कों पर वाहनों का दबाव और वायु प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी।
18 कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव तैयार
डीएमआरसी के पत्र के मुताबिक, भविष्य में दिल्ली के 404 किलोमीटर के अतिरिक्त विस्तार का प्रस्ताव भेजा गया था। इस मामले पर कई बार विचार विमर्श के बाद डीएमआरसी ने फेज 5 में 18 कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव तैयार किया। इसे दो भागों में बांटा गया है।
पहले चरण में 15.8 किलोमीटर के तीन कॉरिडोर शामिल किए गए हैं। जिसमें इंद्रप्रस्थ से इंडिया गेट होते हुए सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर, एयरोसिटी-एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद-कालिंदी कुंज कॉरिडोर शामिल हैं। एयरोसिटी-एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद-कालिंदी कुंज कॉरिडोर वर्तमान में निर्माणाधीन स्वर्ण रेखा (तुगलकाबाद-एयरोसिटी) का विस्तार प्रोजेक्ट होगा यह लगभग तय है कि इन तीन कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।
इसके अलावा फेज पांच के दूसरे चरण में 15 कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव है। इनमें से पांच कॉरिडोर एनसीआर में मौजूद उत्तर प्रदेश और हरियाणा के शहरों से जुड़े हैं। डीएमआरसी ने अपने पत्र में कहा है कि इन कॉरिडोर की डीपीआर तैयार करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी की जरूरत है।
ताकि उसे डीपीआर और फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए बजट मिल सके। इन 15 कॉरिडोर में शामिल नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी-साहिबाबाद की डीपीआर जनवरी 2024 और वैशाली-मोहन नगर कॉरिडोर की डीपीआर जनवरी में तैयार हुई थी।
लोनी बॉर्डर तक बनाने का प्रस्ताव
वहीं, मयूर विहार फेज तीन से शास्त्री पार्क के बीच लाइट मेट्रो के निर्माण के लिए वर्ष 2014 में डीपीआर तैयार हुई थी। अब इसे लोनी बॉर्डर तक बनाने का प्रस्ताव है। इसलिए इन तीनों कॉरिडोर की डीपीआर भी दोबारा तैयार करनी होगी।
हाल ही में मंत्रालय ने फेज पांच में प्रस्तावित समयपुर बादली- नरेला स्पोर्ट्स कांप्लेक्स कॉरिडोर को हरियाणा के सोनीपत तक बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इसलिए इस कॉरिडोर की डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है।
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