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    Delhi Metro की चांदी ही चांदी, यात्री बढ़ने के साथ-साथ बढ़ी कमाई; बीते साल इतने करोड़ का हुआ मुनाफा

    By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Sonu Suman
    Updated: Sun, 07 Jan 2024 03:27 PM (IST)

    कोरोना के बाद आर्थिक गतिविधियां और लोगों का जनजीवन गति पकड़ने के साथ ही दिल्ली मेट्रो भी मुनाफे के ट्रैक पर रफ्तार भरने लगी है। यही वजह है कि कोरोना के बाद यात्रियों का दबाव बढ़ने से मेट्रो एक बार फिर परिचालन कमाई करने के मामले में मुनाफे में आ गई है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

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    Delhi Metro की बीते साल हुई जमकर कमाई।

    रणविजय सिंह, नई दिल्ली। कोरोना के बाद आर्थिक गतिविधियां और लोगों का जनजीवन गति पकड़ने के साथ ही दिल्ली मेट्रो भी मुनाफे के ट्रैक पर रफ्तार भरने लगी है। यही वजह है कि कोरोना के बाद यात्रियों का दबाव बढ़ने से मेट्रो एक बार फिर परिचालन कमाई करने के मामले में मुनाफे में आ गई है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

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    असल में कोरोना के दौर में लंबे समय तक मेट्रो का परिचालन प्रभावित होने और बाद में क्षमता से कम यात्रियों के साथ परिचालन होने से मेट्रो घाटे में चली गई थी। कोरोना से पहले वर्ष 2019-20 में मेट्रो परिचालन से डीएमआरसी ने 758.01 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। इसके पिछले वित्त वर्ष में मेट्रो के परिचालन से कमाई और खर्च का ब्योरा हटाने के बाद डीएमआरसी को 1024.24 करोड़ का फायदा हुआ था।

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    डीएमआरसी को 59.87 करोड़ का मुनाफा

    कोरोना महामारी के पहले वर्ष में 22 मार्च 2020 से छह सितंबर तक मेट्रो का परिचालन बंद रहने और फिर सीमित यात्रियों के साथ मेट्रो का परिचालन होने से डीएमआरसी को 1761.23 करोड़ के भारी भरकम राजस्व का नुकसान हुआ था। इसके बाद दूसरे वर्ष में घाटे की थोड़ी भरपाई हुई, फिर भी 1250.92 करोड़ का घाटा हुआ, लेकिन इसके बाद वर्ष 2022-23 में मेट्रो के परिचालन से डीएमआरसी को 59.87 करोड़ का मुनाफा हुआ और परिचालन से मेट्रो का राजस्व 83.87 प्रतिशत बढ़ा।

    कोरोना से पहले की तुलना में परिचालन कम

    इसका कारण यह है कि प्रतिदिन मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों की पैसेंजर जर्नी बढ़कर उस वर्ष 40 लाख 63 हजार हो गई। फिर भी कोरोना से पहले की तुलना में परिचालन से कमाई कम रही। कोरोना से पहले मेट्रो में प्रतिदिन औसतन 50 लाख 16 हजार यात्राएं यात्री करते थे। मौजूदा वित्त वर्ष में यह आंकड़ा भी पार कर गया है।

    रिकॉकर्ड संख्या में यात्रियों ने किया सफर

    इस वर्ष मेट्रो में रिकार्ड संख्या में यात्रियों ने सफर की है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि मौजूदा वित्त वर्ष में परिचालन से मेट्रो की आमदनी कोरोना से पहले की तुलना में अधिक हो जाएगी। परिचालन में फायदा होने के बावजूद हर तरह की देनदारी और मेट्रो परियोजनाओं के किस्त और ब्याज भुगतान के बाद मेट्रो को वर्ष 2022-23 में करीब 1688 करोड़ का घाटा हुआ।

    पांच वर्षों में मेट्रो की कमाई व खर्च के आंकड़े (रुपये करोड़ में )

    वर्ष कुल आमदनी कुल खर्च परिचालन से आमदनी परिचालन का खर्च
    2022-23 6645.06 5833.81 3633.18 3573.31
    2021-22 4677.01 5108.05 1975.99 3226.91
    2020-21 3289.20 3945.39 876.98 2638.21
    2019-20 7014.69 4911.97 3897.29 3139.28

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