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    GST में कटौती के बाद दवाओं की MRP घटाने के निर्देश, दवा निर्माताओं से कहा-स्टिकर या स्टाम्प से करें संशोधन

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 08:52 PM (IST)

    दिल्ली दवा नियंत्रण विभाग ने दवा और मेडिकल डिवाइस निर्माताओं को एमआरपी में बदलाव करने का निर्देश दिया है क्योंकि जीएसटी दरों में कटौती हुई है। नई दरें 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी। निर्माताओं को स्टाम्पिंग या स्टिकर का उपयोग करके एमआरपी बदलने की अनुमति है लेकिन इसके लिए उन्हें एनओसी प्राप्त करनी होगी। खुदरा विक्रेताओं को भी बिलिंग प्रणाली अपडेट करने के लिए कहा गया है।

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    दवा व मेडिकल डिवाइस कंपनियों को एमआरपी संशोधित करने के निर्देश

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली दवा नियंत्रण विभाग ने बुधवार को राजधानी में स्थित दवा एवं मेडिकल डिवाइस निर्माताओं और मार्केटिंग करने वालों को निर्देश जारी किया है कि वे अपनी अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को हाल ही में घटाए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों के अनुरूप संशोधित करें।

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    यह अधिसूचना 17 सितंबर 2025 को जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि नई जीएसटी दरें 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी निर्माता एवं मार्केटिंग करने वाले नई जीएसटी दरों के हिसाब से एमआरपी में संशोधन करें।

    विभाग ने कंपनियों को यह सुविधा भी दी है कि वे पैकिंग को दोबारा छापने के बजाय स्टाम्पिंग या स्टिकर चिपकाकर एमआरपी में बदलाव कर सकते हैं, बशर्ते इसके लिए उन्हें राज्य औषधि नियंत्रण प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करना होगी। अधिसूचना में कहा गया है, “यह लेबल में संशोधन केवल एमआरपी में बदलाव तक सीमित रहेगा और लेबल के अन्य हिस्सों को प्रभावित नहीं करेगा।”

    निर्माताओं को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे आपूर्ति श्रृंखला के सभी हितधारकों, थोक विक्रेताओं से लेकर खुदरा विक्रेताओं तक, यह सुनिश्चित करें कि संशोधित एमआरपी का पालन हो। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि बदलाव चरणबद्ध तरीके से लागू किए जाएं ताकि बाजार में दवाओं की कमी न हो।

    सिर्फ निर्माता ही नहीं, बल्कि खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं को भी आदेश दिया गया है कि वे अपने बिलिंग व्यवस्था, जिसमें आनलाइन साफ्टवेयर भी शामिल हैं, को 22 सितंबर 2025 से प्रभावी नई जीएसटी दरों के अनुरूप अपडेट करें। इन निर्देशों को दिल्ली के औषधि नियंत्रक, दिल्ली मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन और दिल्ली के केमिस्ट एसोसिएशनों को भी पालन करने के लिए कहा गया है।

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