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    दिल्ली मेडिकल काउंसिल में अनियमितताओं की जांच अटकी, जांच समिति ने रजिस्ट्रार से मांगे छह दस्तावेज

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 08:51 PM (IST)

    दिल्ली मेडिकल काउंसिल में अनियमितताओं की जांच कर रही समिति को रिपोर्ट सौंपने में देरी हो रही है। समिति ने डीएमसी रजिस्ट्रार से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगे हैं जिनके बिना जांच पूरी नहीं हो सकती। मांगे गए दस्तावेजों में नियुक्ति पत्र बैठकों का कार्यवृत्त और सदस्यों की सूची शामिल है। सरकार ने पहले ही डीएमसी को भंग कर दिया था और जांच के आदेश दिए थे।

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    डीएमसी की अनियमितताओं की जांच के लिए बनी समिति ने रजिस्ट्रार से मांगे और दस्तावेज

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली मेडिकल काउंसिल (DMC) में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही समिति ने डीएमसी रजिस्ट्रार से छह महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगे हैं, जिसके बिना जांच पूरी नहीं हो पा रही है।

    दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी (काउंसिल) ने डीएमसी के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर दो दिन के भीतर यह दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

    सूत्रों के अनुसार, जांच समिति ने जो दस्तावेज मांगे हैं, उनमें डाॅ. गिरीश त्यागी का डीएमसी रजिस्ट्रार के रूप में प्रारंभिक नियुक्ति पत्र है। उनकी सेवानिवृत्ति के लिए आयु वृद्धि का आधार- अनुमोदन और सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति।

    साथ ही 28 फरवरी 2019 को आयोजित डीएमसी आम सभा की बैठक का कार्यवृत्त और अनुमोदन प्रति। 11 नवंबर 2024 की आम सभा बैठक का कार्यविवरण और अनुमोदन की प्रति है।

    डाॅ. गिरीश त्यागी के कार्यकाल में कार्यकारी परिषद के अनुमोदित सदस्यों की सूची। डीएमसी का संगठनात्मक चार्ट शामिल हैं।

    सरकार ने डीएमसी में अनियमितताओं की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन 19 जून को किया था, जिसे चार जुलाई को पुनर्गठित किया गया।

    समिति को 15 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देनी थी। समिति के अध्यक्ष डॉ. दिगबिजय दत्ता (चिकित्सा अधीक्षक, बाबू जगजीवन राम मेमोरियल हॉस्पिटल) हैं।

    अन्य सदस्यों में डॉ. विवेक कुमार पाठक (हड्डी रोग विशेषज्ञ), विजेंद्र कुमार (संयुक्त निदेशक, योजना एवं लेखा परीक्षा), राज कुमार (उप सचिव, प्रशासन) और हरीश चंद्र (लेखा अधिकारी) शामिल हैं।

    हालांकि, दस्तावेजों की अनुपलब्धता के कारण रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जैसे ही यह दस्तावेज समिति को मिल जाएंगे, रिपोर्ट अंतिम रूप देकर सरकार को सौंपी जा सकती है।

    बता दें कि दिल्ली सरकार ने डीएमसी को 19 जून को भंग कर दिया था, और तत्कालीन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा कार्यवाहक रजिस्ट्रार के कार्यकाल की जांच के आदेश दिए थे।

    विशेषज्ञों का मानना है कि इस जांच के निष्कर्ष भविष्य में मेडिकल काउंसिल के संचालन और पारदर्शिता के लिए दिशा तय करेंगे।

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