Delhi Medical Council पर संकट, भंग होने की कगार पर कार्यकारी समिति, रजिस्ट्रार की नियुक्ति पर विवाद
दिल्ली मेडिकल काउंसिल (DMC) की कार्यकारी समिति भंग हो सकती है क्योंकि अनियमितताओं के चलते स्वास्थ्य विभाग ने उपराज्यपाल को प्रस्ताव भेजा है। दस सदस्यों ने उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर कार्यकारी रजिस्ट्रार की नियुक्ति की मांग की है ताकि डीएमसी का कामकाज सुचारू रूप से चल सके।

राज्य ब्यूरो, जागरण, नई दिल्ली: दिल्ली मेडिकल काउंसिल (DMC) के कार्य समिति के 10 सदस्यों ने एलजी और दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर जल्द से जल्द कार्यकारी रजिस्ट्रार को नियुक्त करने की मांग की है।
सदस्यों ने कहा कि यदि डीएमसी चार डॉक्टरों का पैनल कार्यकारी रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए नहीं भेजा जा रहा है तो सरकार अपने स्तर से किसी डाॅक्टर को कार्यकारी रजिस्ट्रार नियुक्त करे। ताकि डीएमसी का कामकाज सुचारू हो सके।
एलजी को कार्य समिति भंग करने का प्रस्ताव भेजा गया
यह भी सामने आया कि डीएमसी में अनियमिताओं के कारण स्वास्थ्य विभाग ने इसके कार्य समिति को भंग करने के लिए उपराज्यपाल को प्रस्ताव भेजा है। ऐसे में डीएमसी की कार्य समिति भंग हो सकती है। यह मामला डीएमसी के पूर्व रजिस्ट्रार के सेवानिवृत होने के बाद दो बार सेवा विस्तार दिए जाने से जुड़ा है।
स्वास्थ्य विभाग ने डीएमसी द्वारा पूर्व रजिस्ट्रार को सेवा विस्तार दिए जाने को अवैध बताते हुए उन्हें हटाने का निर्देश दिया था। साथ ही कार्यकारी रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए डाॅक्टरों के नाम का पैनल भेजने का डीएमसी को आदेश दिया था।
डीएमसी द्वारा इस आदेश पर अमल नहीं किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने काउंसिल के 25 सदस्यीय कार्यकारी समिति को भंग करने की चेतावनी दी थी।
तीन माह से दो प्रशासनिक पद खाली पड़े हैं
इसके बाद फरवरी में पूर्व रजिस्ट्रार डाॅ. गिरीश त्यागी ने इस्तीफा दे दिया था। डीएमसी में उप रजिस्ट्रार का पद पहले से खाली है। इस वजह से तीन माह से दोनों प्रशासनिक पद खाली पड़े हैं।
दस मार्च को डीएमसी की काउंसिल की बैठक में कार्यकारी रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए चार डाक्टरों के नाम तय कर उसे स्वास्थ्य विभाग में भेजने का फैसला हुआ था।
बाद में डीएमसी ने सिर्फ डाॅ. विजय धनखड़ का नाम स्वास्थ्य विभाग को भेजकर उन्हें कार्यकारी रजिस्ट्रार बनाने की सिफारिश की, जिसे स्वास्थ्य विभाग ने इसे स्वीकृति नहीं दी।
उपाध्यक्ष ने कहा, दूसरे डॉक्टर का नाम भेजने का निर्देश देना चाहिए
पिछले माह के अंतिम सप्ताह में काउंसिल की बैठक में सदस्यों ने दोबारा चार डाॅक्टरों के नाम का पैनल स्वास्थ्य विभाग में भेजने पर सहमति जताई, लेकिन डीएमसी प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया। काउंसिल के सदस्यों का कहना है कि डीएमसी के इस रुख से कामकाज प्रभावित है।
वहीं डीएमसी के उपाध्यक्ष डाॅ. नरेश चावला ने कहा कि यदि स्वास्थ्य विभाग को काउंसिल द्वारा भेजे एक डाॅक्टर के नाम पर आपत्ति है, उसे अस्वीकृत कर कोई दूसरा नाम भेजने का निर्देश देना चाहिए था। विभाग को पांच रिमाइंडर भेजने के बाद भी अब तक रजिस्ट्रार की नियुक्ति की स्वीकृति नहीं मिली।
अध्यक्ष के हस्ताक्षर से जारी किए इंटर्नशिप प्रमाणपत्र
वैसे डीएमसी के अध्यक्ष डाॅ. अरुण गुप्ता के हस्ताक्षर से डाॅक्टरों को लाइसेंस, अनापत्ति प्रमाण पत्र इत्यादि जारी करने सहित सभी विभागीय कार्य हो रहे हैं। मंगलवार को ही 115 छात्रों को इंटर्नशिप के लिए प्रमाण पत्र जारी किए गए।
डीएमसी के सदस्यों का कहना है कि डाॅक्टरों के लाइसेंस व प्रमाणपत्र पर रजिस्ट्रार या उप रजिस्ट्रार ही हस्ताक्षर कर सकते हैं। अध्यक्ष का पद प्रशासनिक नहीं होता है, इसलिए उनका हस्ताक्षर करना गलत है, लेकिन डाॅ. नरेश चावला ने कहा कि रजिस्ट्रार व उप रजिस्ट्रार के नहीं होने पर अध्यक्ष द्वारा प्रमाणपत्र जारी होना गलत नहीं है।
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