दिल्ली में आवारा कुत्तों के फीडिंग प्वाइंट होंगे जीओ टैग, एमसीडी की वेबसाइट पर मिलेगी पूरी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली नगर निगम फीडिंग प्वाइंट की जीओ टैगिंग करेगा और जानकारी वेबसाइट पर देगा। निगम ने 48 फीडिंग प्वाइंट चिह्नित किए हैं। दिल्लीभर में फीडिंग प्वाइंट पर साइनेज लगाने के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी। निगम को फीडिंग प्वाइंट बनाने में जगह की कमी की दिक्कत आ रही है। द्वारका सेक्टर 29 में आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर बनाने की योजना है।

निहाल सिंह, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली नगर निगम द्वारा बने फीडिंग प्वाइंट की जीओ टैंगिग की जाएगी। साथ ही, इसकी जानकारी तस्वीरों के साथ एमसीडी की वेबसाइट पर भी सार्वजनिक होगी। निगम ने अभी तक 48 फीडिंग प्वाइंट चिह्नित कर लिए लेकिन इन्हें फीडिंग प्वाइंट घोषित नहीं किया है। जल्द ही प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे घोषित कर दिया जाएगा। इस दौरान एमसीडी जल्द ही दिल्लीभर में फीडिंग प्वाइंट पर साइनेज लगाने के लिए निविदा भी आमंत्रित करने जा रही है। इसके बाद साइनेज भी लगाए जाएंगे।
जीओ टैगिंग भी कर रहे
दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 12 जोन में से हमने तीन जोन में फिलहाल फीडिंग प्वाइंट निर्राधित किए हैं। इसमें करोल बाग जोन में 10, शाहदरा नार्थ में 14 और पश्चिमी जोन में 24 स्थान चिह्नित कर लिए हैं। जहां इन्हें अधिकृत रूप से जल्दी ही घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हम सभी फीडिंग प्वाइंट की जीओ टैगिंग भी कर रहे हैं ताकि जनता को भी पता रहे कि फीडिंग प्वाइंट कहां-कहां हैं।
नहीं मिल रही जमीन
उन्होंने बताया कि जीओ टैगिंग की जानकारी वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि फीडर भी इसे देख सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि हमें निर्देश मिले हैं कि स्थानीय पार्षद के साथ ही आरडब्ल्यूए संगठन के साथ मिलकर यह फीडिंग प्वाइंट बनाये जाए लेकिन हमारे सामने यह भी दिक्कत आ रही है कि आरडब्ल्यूए ऐसा स्थान चाहती हैं कि जिससे आवारा कुत्तों का फीडिंग प्वाइंट ऐसे स्थान पर बने जहां कम आवाजाही हो लेकिन कई प्वाइंट पर पर जगह का अभाव है। इसलिए ऐसे स्थान पर फीडिंग प्वाइंट नहीं बन पा रहे हैं।
शेल्टर बनाने के लिए होगी बैठक
एमसीडी के अभियांत्रिक विभाग को द्वारका सेक्टर 29 में आवारा खूंखार कुत्तों को रखने का शेल्टर का डिजाइन बनाना है। इसको लेकर अभी कितनी प्रगति हुई है इसको लेकर अतिरिक्त आयुक्त स्तर पर बैठक कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि शुरुआत तौर पर 2000 से पांच हजार आवारा खूंखार कुत्तों को रखने के लिए हम शेल्टर होम बनाना चाहते हैं। निगम के अभियांत्रिक विभाग द्वारा डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बन जाएगी उसके बाद बजट आवंटित कराकर इस पर काम किया जाएगा।
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