MCD कमिश्नर ने कहा- नहीं सही जाएगी ब्लैकमेलिंग, जेई पर रिश्वत लेने के आरोप पर भिड़े अधिकारी और पार्षद
दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में पार्षद और उपायुक्त के बीच तीखी बहस हुई। पार्षद ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाया जिसका उपायुक्त ने खंडन किया। निगमायुक्त ने ब्लैकमेलिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी और पार्षदों को सम्मान देने का निर्देश दिया। अवैध निर्माण पर निगम की कार्यवाही जारी रहेगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में बुधवार को अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब निगम पार्षद और उपायुक्त आपस में भिड़ गए। नौबत यहां तक आ गई कि निगमायुक्त अश्वनी कुमार ने यह तक कह दिया कि बैठक में एजेंडे पर चर्चा नहीं हो रही है।
ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हम नौकरी करने आए हैं। ऐसा नहीं होगा कि हमारा अफसर सुनता रहे और वह अपनी बात न रखे। अधिकारी इससे न डरें।
आयुक्त ने कहा कि दिल्ली में अवैध निर्माण के नाम पर शिकायतों पर ब्लैकमेलिंग होती रही हैं। अगर, किसी पार्षद को शिकायत है तो हमारे पास आए, हम सीबीआई और एसीबी से रेड कराएंगे।
दरअसल, झिलमिल वार्ड से पार्षद पंकज लूथरा ने शाहदरा साउथ जोन में एक इमारत के निर्माण का मामला उठाया था। उन्होंने कहा कि एक बुजुर्ग व्यक्ति ने एमसीडी से नक्शा पास कराकर निर्माण कराया था। बस थोड़ी सी गलती यह कर दी निकास द्वार की चौड़ाई कम कर दी।
इस पर एमसीडी की टीम उस मकान पर कार्रवाई करने पहुंच गई। उन्होंने कहा कि जेई से जब उन्होंने बात की तो उसने यह कहा कि बिना रिश्वत के काम नहीं होगा क्योंकि इसका हिस्सा क्षेत्रीय उपायुक्त तक जाता है।
जब इस बात की सत्यता की पुष्टि के लिए मैंने उपायुक्त को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस पर निगमायुक्त ने क्षेत्रीय उपायुक्त बादल कुमार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा तो उपायुक्त ने कहा कि पार्षद द्वारा जो आरोप लगाए हैं, वह सही नहीं और पार्षद झूठ बोल रहे हैं।
मामला जब और ज्याद बढ़ गया जब उपायुक्त ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इमारत में पार्षद का कितना शेयर है लेकिन वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि नियमों के विरुद्ध जो भी निर्माण होगा, उस पर कार्रवाई होगी।
हालांकि बैठक के अंत में स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिया कि कोई भी अधिकारी पार्षदों के फोन न उठा पाए तो काल बैक करें। ऐसा नहीं होना चाहिए कि पार्षदों के फोन ही नहीं उठाए जाए।
एक या दो से ज्यादा शिकायत वालों की हो पहचान
निगमायुक्त अश्वनी कुमार ने कहा कि जो निर्माण को लेकर ब्लैकमेलिंग करते हैं और इधर-उधर होने वाले निर्माण की शिकायतें करते हैं उनकी भी पहचान करने की जरूरत है। ऐसे लोगों ने अपने दफ्तर तक खोल रखें है।
उन्होंने कहा कि यह इनकार नहीं किया जा सकता कि हमारे लोग भी इनसे मिले हों, लेकिन सभी उपायुक्त को चाहिए कि ऐसे लोगों की पहचान करें जो अपने घर से दूर निर्माण की शिकायतें करते हैं और उसके एवज में ब्लैकमेलिंग तक करते हैं।
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