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    Delhi Mayor Election 2025: चुनाव से पहले जारी हुआ निर्देश, वोटिंग के दौरान बैन रहेंगी ये चीजें

    Updated: Tue, 22 Apr 2025 07:35 PM (IST)

    दिल्ली में होने वाले महापौर और उप महापौर चुनाव के लिए निगम ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सदन में चुनाव प्रक्रिया के दौरान पार्षदों मनोनीत विधायकों सांसदों और मनोनीत पार्षदों को मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोई भी अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने की भी मनाही होगी। पार्षद और विधायक अपने समर्थक और जानकारों को चुनाव वाले दिन निगम मुख्यालय नहीं ला सकेंगे।

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    चुनाव वाले दिन जानकारों को निगम मुख्यालय नहीं ला सकेंगे। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में होने वाले महापौर व उप महापौर चुनाव के लिए निगम ने फिर दिशा-निर्देश जारी करते हुए सदन में चुनाव प्रक्रिया के दौरान पार्षदों से लेकर मनोनीत विधायकों, सांसदों और मनोनीत पार्षदों को भी मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

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    इसके साथ ही कोई भी अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने की भी मनाही होगी। वहीं, पार्षदों व विधायक अपने समर्थक और जानकारों को चुनाव वाले दिन निगम मुख्यालय नहीं ला सकेंगे। इनको प्रवेश चुनाव के चलते प्रतिबंधित निगम मुख्यालय में रहेगा।

    25 अप्रैल को होगा चुनाव 

    उल्लेखनीय है कि निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में अरुणा आसफ अली सभागार में महापौर व उप महापौर की चुनाव की प्रक्रिया होगी। दोपहर दो बजे 25 अप्रैल को चुनाव होगा। इसी के मद्देनजर निगम ने यह दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ताकि सदन की बैठक बिना किसी व्यवधान के चलाई जा सकें।

    निगम सचिव कार्यालय ने दिशा-निर्देश में यह भी स्पष्ट किया है जो भी महापौर व उप महापौर का चुनाव जीतेगा उसको स्वागत व गुलदस्ते देना भी मना होगा। सभी वाहनों को केवल मुख्यालय के बेसमेंट में ही खड़ा किया जा सकेगा।

    वहीं, ए ब्लाक जहां पर चुनाव की प्रक्रिया होगी वहां पर निगम मुख्यालय के ई ब्लॉक और अन्य स्थान पर काम करने वाले निगम कर्मियों की प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। केवल चुनाव ड्यूटी पर लगे कर्मियों को ही पहचान पत्र देखकर दिया जाएगा। 

    बता दें कि स्थायी समिति के सदस्य के लिए पिछले वर्ष हुए चुनाव में निगम द्वारा जारी इस एसओपी का सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी ने भी विरोध किया था। जिसके चलते सदन की बैठक को भी तत्कालीन महापौर शैली ओबेराय ने स्थगित कर दिया था।

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    इसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना एमसीडी एक्ट की विशेष शक्तियों का उपयोग करते हुए अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव को बैठक की अध्यक्षता करने का निर्देश दिया तो जाकर बैठक संपन्न हुई और भाजपा प्रत्याशी सुंदर सिंह जीत गए थे। आप ने इस चुनाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। अब इस मामले में अगस्त 2025 में सुनवाई होनी है।