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    Delhi में रोचक हुआ महापौर चुनाव, AAP अंदरखाने लगा रही दम; रिपोर्ट से समझिए हार-जीत के समीकरण

    दिल्ली में महापौर चुनाव रोचक हो गया है। कांग्रेस ने भी महापौर और उप महापौर पद के लिए उम्मीदवार उतार दिए हैं। भाजपा जीत के लिए आश्वस्त है लेकिन आप के भीतरखाने कांग्रेस को समर्थन देने की चर्चाएं हैं। भाजपा के पास बहुमत से चार पार्षद अधिक हैं इसलिए आप और भाजपा मिलकर भी बहुमत के करीब नहीं पहुंच रहे हैं।

    By Nihal Singh Edited By: Kapil Kumar Updated: Tue, 22 Apr 2025 11:40 AM (IST)
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    दिल्ली में महापौर का चुनाव और ज्यादा रोचक हो गया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में महापौर चुनाव रोचक हो गया है। आठ पार्षदों वाली कांग्रेस ने भी महापौर और उप महापौर पद का प्रत्याशी उतार दिया है। जिससे भाजपा तो जीत के लिए आश्वस्त हैं।

    वहीं, आप के अंदरखाने कांग्रेस को समर्थन देने की चर्चाएं जोरों पर हैं। भले ही यह घोषित गठबंधन नहीं हुआ है लेकिन, इसे अघोषित गठबंधन माना जा रहा है। भाजपा इसलिए भी आश्वस्त है क्योंकि उसके पास बहुमत से अब भी चार पार्षद अधिक हैं। ऐसे में आप और भाजपा मिल भी जाए तो भी वह बहुमत के नजदीक नहीं पहुंच रहे हैं।

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    भाजपा के पास 135 वोट

    दिल्ली के महापौर चुनाव में निर्वाचित पार्षदों के साथ ही मनोनीत विधायक और लोकसभा सदस्यों के साथ राज्यसभा सदस्यों को भी मतदान का अधिकार होता है। ऐसे में 238 पार्षद के साथ ही 14 मनोनीत विधायक और 10 लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों से कुल सदस्यों की संख्या 262 हो रही है। जबकि महापौर चुनाव जीतने के लिए 131 ही वोट चाहिए और भाजपा के पास 135 वोट हैं।

    कांग्रेस और आप के वोटों को मिला लिया जाए तो उनके पास 127 ही वोट हैं। आठ पार्षदों वाली कांग्रेस इसलिए भी चुनाव लड़ रही है क्योंकि निगम में दल-बदल कानून लागू नहीं होता है। इसलिए कोई भी पार्षद किसी को भी वोट कर सकता है।

    मनोनीत हुए 14 में से 11 विधायक भाजपा के

    दिल्ली में 250 पार्षदों वाले सदन में 12 सीटें खाली हैं। ऐसे में 238 में से भाजपा के पास 113 पार्षद हैं और विधानसभा से मनोनीत हुए 14 में से 11 विधायक भाजपा के हैं। साथ ही लोकसभा के सात सदस्य भी उसके हैं। इससे भाजपा के सदस्यों की संख्या 135 हो रही है।

    जल्द ही पार्षदों की पार्टी कार्यालय में होगी बैठक

    कांग्रेस के पास आठ ही पार्षद हैं जबकि आप के पास 113 पार्षद, तीन राज्यसभा सदस्य और तीन विधायकों से उसके पास कुल सदस्यों की संख्या 119 हैं। भले ही भाजपा बहुमत में हैं लेकिन वह अपने पार्षदों पर नजर रख रही है। जल्द ही पार्षदों की पार्टी कार्यालय में बैठक होगी। जहां पर पार्षदों को मतदान की प्रक्रिया को बताया जाएगा।

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    महापौर व उप महापौर चुनाव में कौन-कौन करता है मतदान

    -पार्षद -मनोनीत विधायक -लोकसभा सांसद -राज्यसभा सांसद

    किसके पास हैं कितने सदस्य महापौर चुनाव के लिए

    अब किसके पास गए कितने सदस्य कुल सदस्य- 262

    भाजपा- 135(117 पार्षद, 11 विधायक और सात लोकसभा सदस्य)

    आप- 119 (113 पार्षद और तीन राजस्यभा सदस्य व तीन विधायक)

    कांग्रेस- 8

    2022 में यह थी स्थिति

    कुल सदस्य-274

    भाजपा-112 (104 विधायक, सात लोकसभा सदस्य और एक विधायक)

    आप- 150

    कांग्रेस-9

    निर्दलीय-3

    दिल्ली को शीघ्र भाजपा का महापौर मिलेगा, ट्रिपल इंजन की सरकार मिलेगी और सुचारू निगम सेवाएं पुनः प्रारंभ होंगी।एमसीडी में महापौर चुनाव न लड़ने की घोषणा राजनीतिक त्याग नहीं बल्कि निश्चित हार की पूर्व स्वीकृति है। 2022 में "आप" के टिकट पर बहुमत से जीत कर आये अधिकांश निगम पार्षद बहुत उम्मीद से आए थे और जनता के प्रति अपनी जवाबदेही पूरी करना चाहते थे। पर आप नेताओं ने ढाई वर्ष तक एमसीडी का गठन ही नहीं पूर्ण होने दिया जिसके चलते निगम के विकास, रखरखाव एवं प्रशासनिक सभी कार्य ठप हो गए। आप पार्षदों इससे तंग आकर भाजपा में आए हैं। - वीरेंद्र सचदेवा, अध्यक्ष, दिल्ली भाजपा