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    Delhi Mayor: सदन में फिर हंगामा होने के आसार, बैठक के एजेंडे में सबसे पहले निर्वाचित पार्षदों की शपथ की बात

    By Nihal SinghEdited By: Geetarjun
    Updated: Sat, 21 Jan 2023 10:19 PM (IST)

    Delhi Mayor Election निगम सदन की मंगलवार को होने वाली बैठक की तैयारियों के बीच बैठक का एजेंडा जारी हो गया है। बैठक की कार्यसूची में सबसे पहले निर्वाचित पार्षदों की शपथ की बात लिखी गई है। इसके बाद मनोनीत पार्षदों की शपथ होगी।

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    सदन में फिर हंगामा होने के आसार, बैठक के एजेंडे में सबसे पहले निर्वाचित पार्षदों की शपथ की बात

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। निगम सदन की मंगलवार को होने वाली बैठक की तैयारियों के बीच बैठक का एजेंडा जारी हो गया है। बैठक की कार्यसूची में सबसे पहले निर्वाचित पार्षदों की शपथ की बात लिखी गई है। इसके बाद मनोनीत पार्षदों की शपथ होगी। अगर, पीठासीन अधिकारी ने पिछली बैठक की तरह मनोनीत पार्षदों की शपथ कराई तो इस फिर से हंगामा होने के आसार है।

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    हालांकि निगम एक्ट के जानकारों के अनुसार, यह पीठासीन अधिकारी का अधिकार है कि वह निर्वाचित पार्षदों की शपथ पहले कराए या फिर मनोनीत की, लेकिन पूर्व की बैठक में हुए हंगामे के बाद फिर से मनोनीत पार्षदों की शपथ की वजह से फिर से आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा आमने-सामने आ सकते हैं।

    महापौर, उपमहापौर चुनाव के बाद स्थायी कमेटी का होगा चुनाव

    दिल्ली नगर निगम सचिव कार्यालय द्वारा जारी एजेंडे की कार्यसूची के अनुसार, पार्षदों और मनोनीत पार्षदों की शपथ के बाद महापौर का चुनाव होगा। इसके बाद उप महापौर का चुनाव होगा। दोनों चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए चुनाव कराया जाएगा। पिछली बैठक में भी एजेंडे की कार्यसूची भी इसी प्रकार थी, लेकिन जैसे ही पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने मनोनीत पार्षदों को शपथ करानी शुरू की, वैसे ही हंगामा हो गया।

    महापौर चुने जाने के बाद पीठासीन अधिकारी को छोड़नी होती है कुर्सी

    दिल्ली नगर निगम की सदन की पहली बैठक में पीठासीन अधिकारी का कार्य सभी सदस्यों को शपथ दिलाना होता है। इसके बाद वह महापौर का चुनाव कराता है। इस चुनाव की प्रक्रिया के संपन्न होने और नतीजे घोषित होने के बाद पीठासीन अधिकारी को अपनी कुर्सी छोड़नी होती है। इसे वह निर्वाचित महापौर को सौंप देता है।

    इसके आगे की सदन की बैठक की कार्यवाही निर्वाचित महापौर की अध्यक्षता में होती है। निगम की यह प्रक्रिया संसद द्वारा पारित प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के लिए अनुसार होती है। इसमें अध्याय दो में नियम सात में यह बात उल्लेखित है कि महापौर के चुनाव होने के पश्चात वह सभा के शेष कार्य कराने के लिए सभा की अध्यक्षता करेगा।

    सत्या शर्मा ही बनीं पीठासीन अधिकारी

    दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक के लिए उपराज्यपाल ने सत्या शर्मा को ही पीठासीन अधिकारी बनाया है। पिछली बैठक में नई दिल्ली जिले के जिलाधिकारी संतोष कुमार राय ने उन्हें शपथ दिलाई थी। इसके बाद उन्होंने मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाना शुरू किया तो हंगामा हो गया। इसकी वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई थी। ऐसे में फिर से बुलाई गई बैठक में पूर्व की तरह सत्या शर्मा को ही पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है।

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    आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता पवन शर्मा ने बताया कि सदन की कार्यवाही नियमों के मुताबिक ही चलनी चाहिए।भाजपा के 15 साल के कूड़े कचरे की राजनीति से परेशान होकर दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को बहुमत दिया है। ऐसे में आप का महापौर चुना जाना चाहिए। हमें दिल्ली की जनता ने कूड़े के पहाड़ खत्म करने की जिम्मेदारी है हम उसे करके ही रहेंगे।

    दिल्ली नगर निगम की पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने बताया कि मेरा तीनों दलों से अनुरोध है कि सदन चलाने में सहयोग करें। इसलिए तीनों दल अपने-अपने पार्षदों का इस दिशा मार्गदर्शन करें। मुझे सदस्यों की शपथ कराने की जिम्मेदारी मिली है। जिसे अगामी बैठक में पूरा करूंगी।

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