Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shocking news : शख्स ढूंढ़ता रहा अपने भाई का शव, दूसरे ने अपना पिता समझकर दफना दिया

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Mon, 08 Jun 2020 10:11 AM (IST)

    Shocking news यह हादसा दिल्ली के लोक नारायण अस्पताल में हुआ जिसके बाद अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे के सामने शवों की पहचान कराने का निर्णय लिया गया है।

    Shocking news : शख्स ढूंढ़ता रहा अपने भाई का शव, दूसरे ने अपना पिता समझकर दफना दिया

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Shocking news : कोरोना काल में हर रोज नई कहानियां सामने आ रही हैं। अब दिल्ली के लोक नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में जो हुआ उससे जहां एक व्यक्ति अपने भाई के शव अंतिम विदाई देने से महरूम हो गया, वहीं दूसरे व्यक्ति ने पिता समझकर उस शव को दफना दिया जो वास्तव में उनके पिता थे ही नहीं। इस घटना के बाद अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे के सामने शवों की पहचान कराने का निर्णय लिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, जामा मस्जिद क्षेत्र निवासी अमीनुद्दीन ने के मुताबिक उनके भाई नईमुद्दीन को इलाज के लिए दो जून को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पहले तो उनके भाई को भर्ती करने से मना कर दिया गया, हालांकि बाद में भर्ती कर लिया गया। उनका बीपी कम हो रहा था और सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। शाम 4 बजे उन्हें भर्ती किया गया और ईसीजी करने के दौरान रात को उनकी मौत हो गई। परिवार ने जब शव मांगा तो कहा गया कि कोरोना जांच के बाद शव सौंपा जाएगा। इसके बाद करीब 70 घंटे तक परिजन शव मिलने का इंतजार करते रहे।

    इसके बाद छह जून को बताया गया कि नईमुद्दीन की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव है। इसके वह भाई का शव लेने के लिए मोर्चरी गए, लेकिन नहीं मिला। इसके बाद पूरे अस्पतल वालों ने भी कहा कि शव नहीं मिल रहा है। इसके बाद रविवार को वह दोबारा पहुंचे तो भी शव नहीं मिला। जांच के बाद पता चला कि अस्पताल में नईमुद्दीन नाम से उस दिन दो शव थे। इसमें एक मुईनुद्दीन के भाई की, जबकि दूसरी पटपड़गंज निवासी व्यक्ति की थी।

    अस्पताल प्रबंधन की तरफ से उनके भाई का शव पटपड़गंज निवासी नईमुद्दीन के परिजन को सौंप दिया गया था। बाद में पता चला कि उन लोगों ने शव को दिल्ली गेट स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया है। जिम्मेदार बोले-इस बारे में फोरेंसिक विभाग का कहना है कि शव की पहचान परिजन को करनी होती है।

    पटपड़गंज निवासी लोगों ने नाम सुनकर गलत शव की पहचान कर ली थी। अभी स्टाफ भी लगातार ड्यूटी से परेशान है और परिजन भी कोरोना से डरे हुए हैं। यह वजह थी कि अब सीसीटीवी कैमरे के नीचे शव की पहचान कराई जाएगी, ताकि गलती की संभावना कम से कम बचे।