Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Delhi Liquor: पहली छमाही में ही सरकारी खजाने में जमा हुए 3588 करोड़, जानिए दिल्ली में शराब बिक्री का गणित

    By Jagran NewsEdited By: Narender Sanwariya
    Updated: Thu, 05 Oct 2023 06:00 AM (IST)

    Delhi Liquor दिल्ली में 930 से अधिक होटल क्लब और रेस्तरां शराब परोसते हैं। दिल्ली सरकार ने 2023-24 के अपने बजट में वित्तीय वर्ष में कुल राज्य उत्पाद श ...और पढ़ें

    Delhi Liquor: पहली छमाही में ही सरकारी खजाने में जमा हुए 3588 करोड़, जानिए दिल्ली में शराब बिक्री का गणित

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। शराब की लगातार बिक्री के चलते दिल्ली सरकार का खजाना वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में ही करीब 3,588 करोड़ रुपये बढ़ गया है। चालू वित्त वर्ष में रिकार्ड-तोड़ संग्रह का संकेत भी मिल रहा है। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने इस साल एक अप्रैल से 30 सितंबर के बीच 27.6 करोड़ शराब की बोतलें बेचकर उत्पाद शुल्क के रूप में 2,457 करोड़ रुपये और मूल्य वर्धित कर के रूप में 1,131 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली सरकार ने कमाए 6821 करोड़

    दिल्ली सरकार ने 2022-23 के पूरे वित्तीय वर्ष में 62 करोड़ से अधिक शराब की बोतलों की बिक्री से 6821 करोड़ रुपये कमाए। इसमें 31 अगस्त तक पांच महीने के लिए अब वापस ली जा चुकी नई शराब नीति का काल भी शामिल है। 2020-21 और 2021-22 वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में भी कोविड-प्रेरित प्रतिबंधों और कई महीनों तक दुकानें और होटल, क्लब और रेस्तरां बंद रहने के कारण शराब की बिक्री में गिरावट देखी गई। फिर भी दिल्ली सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान शराब की बिक्री पर उत्पाद शुल्क और वैट से 6,762 करोड़ रुपये कमाए थे।

    दिल्ली सरकार के चार निगम

    दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम, दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम, दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर ने मिलकर राजधानी में 50 प्रीमियम स्टोर सहित लगभग 634 शराब की दुकानें चलाते हैं।

    शराब की बिक्री बढ़ेने का अनुमान

    बता दें कि शहर में 930 से अधिक होटल, क्लब और रेस्तरां शराब परोसते हैं। दिल्ली सरकार ने 2023-24 के अपने बजट में वित्तीय वर्ष में कुल राज्य उत्पाद शुल्क संग्रह 7,365 करोड़ रुपये, 53,565 करोड़ रुपये के कर राजस्व का लगभग 14 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है।

    अधिकारियों के मुताबिक, किसी वित्तीय वर्ष की पहली दो तिमाहियों को आम तौर पर तीसरी और चौथी तिमाही की तुलना में कमजोर माना जाता है। त्योहारों का मौसम करीब आने के साथ, अधिकारियों ने कहा कि शराब की बिक्री अब बढ़ेगी और उत्पाद शुल्क के साथ-साथ मूल्य वर्धित कर दोनों के रूप में अधिक राजस्व अर्जित होगा।

    एक अधिकारी ने कहा, “गर्मियों के दौरान, बीयर, जिस पर तुलनात्मक रूप से कम उत्पाद शुल्क लगता है, स्पिरिट की तुलना में अधिक बिकती है। यही कारण है कि वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही की तुलना में पहली छमाही में राजस्व संग्रह हमेशा अपेक्षाकृत कम होता है, जब व्हिस्की अधिक बिकती है।”

    यह भी पढ़ें: India Canada Row: अब वीजा आवेदन को लेकर आया बड़ा अपडेट, आवेदन करने से पहले पढ़ लें ये खबर