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    दिल्ली के LG ने की IPC का धारा 375 में संशोधन की सिफारिश, गृह मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव; जानिए पूरा मामला

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Sat, 05 Nov 2022 10:15 PM (IST)

    IPC Section 375 Amendment उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें आइपीसी की धारा-375(दो) में संशोधन की सिफारिश की गई है। इसके तहत 15-18 वर्ष की उम्र के बीच की पत्नी के साथ बिना सहमति यौन संबंध स्थापित करना दुष्कर्म की श्रेणी में आएगा।

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    दिल्ली के LG ने की IPC का धारा 375 में संशोधन की सिफारिश, गृह मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें आइपीसी की धारा-375(दो) में संशोधन की सिफारिश की गई है। इस धारा के तहत 15 से 18 वर्ष की उम्र के बीच की पत्नी के साथ बिना सहमति यौन संबंध स्थापित करना दुष्कर्म की श्रेणी में आएगा, जो आइपीसी के तहत दंडनीय होगा। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने यह जानकारी दी।

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    वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एलजी ने गृह मंत्रालय को आइपीसी की धारा-375 (दो) को खत्म करने की सिफारिश करते हुए प्रस्ताव भेजा है। इसमें यह प्रविधान है कि शादी के बाद 15 से 18 वर्ष के बीच की किशोरी का पति यदि उसकी सहमति के बगैर उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो इस मामले में आइपीसी की धारा-375 (दो) के तहत उसे दंडित करने का प्रविधान नहीं है। यदि सिफारिश लागू की जाती है और आइपीसी की धारा 375 में संशोधन किया जाता है, तो 15 से 18 वर्ष की आयु की पत्नी के साथ गैर-सहमति से यौन संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में आएगा और आइपीसी के तहत दंडनीय होगा।

    विसंगति को भी करेगा दूर

    यह यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पाक्सो) के बीच की विसंगति को भी दूर करेगा, जो 18 वर्ष तक के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अपराध और आइपीसी के प्रचलित प्रविधानों पर लागू होता है। गृह मंत्रालय के एक पत्र के जवाब में दिल्ली पुलिस और कानून विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव पेश किया था।

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    दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगी थी राय

    बता दें गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में उस रिट याचिका के मद्देनजर इस विषय पर दिल्ली सरकार की राय मांगी थी, जिसमें आइपीसी की धारा-375 (दो) की वैधता को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह संविधान के अनुच्छेद-14 और 21 का उल्लंघन करता है और पाक्सो अधिनियम के प्रविधानों के अनुरूप भी नहीं है।