Kanjhawala Case: गृह मंत्रालय के निर्देश पर केस में जुड़ी हत्या की धारा, अब दिल्ली पुलिस के सामने है ये चुनौती
सुल्तानपुरी के कंझावला की घटना के मामले में गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को मुकदमे में हत्या की धारा भी जोड़ दी है। बृहस्पतिवार को गृह मंत्रालय ने पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को सभी आरोपितों के खिलाफ हत्या की धारा में केस चलाने को कहा था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सुल्तानपुरी के कंझावला की घटना के मामले में गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को मुकदमे में हत्या की धारा भी जोड़ दी है। बृहस्पतिवार को गृह मंत्रालय ने पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को सभी आरोपितों के खिलाफ हत्या की धारा में केस चलाने को कहा था, जिसके बाद आयुक्त के निर्देश पर मुकदमे में हत्या की धारा जोड़ दी गई है।
पहले पुलिस ने खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने, सुबूत को मिटाने की कोशिश, गैर इरादतन हत्या और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मामले में सभी सभी आरोपितों दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन, मनोज मित्तल, आशुतोष भारद्वाज और अंकुश को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
निधि है मुख्य चश्मदीद गवाह
अंजलि की सहेली, निधि जो एक जनवरी की तड़के घटना के दौरान उसकी स्कूटी के पीछे बैठी थी, उसे मुख्य चश्मदीद गवाह बना कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान भी दर्ज करा चुकी है। पुलिस ओयो होटल से लेकर सुल्तानपुरी, बेगमपुर और कंझावला के रूटों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाल सुबूत जुटा चुकी है। सभी आरोपितों के बयान भी दर्ज कर चुकी है।
सबूतों के आधार पर दायर होगा आरोप पत्र
कुछ की एफएसएल रिपोर्ट हासिल कर चुकी है और कुछ की रिपोर्ट आनी बाकी हैं। ऐसे में जांच लगभग पूरी होने पर है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि घटना से संबंधित जांच पूरी होने पर जिस तरह के सुबूत मिलेंगे, उसी के अनुरूप आरोप पत्र दायर किया जाएगा।
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हत्या के मकसद का सबूत जुटाना चुनौती
अगर हत्या करने के मकसद के सुबूत मिल जाएंगे तब, हत्या की धारा में आरोप पत्र दायर किया जाएगा और गैर इरादतन हत्या के सुबूत मिलेंगे तब इसी धारा के अनुरूप आरोप पत्र दायर किया जाएगा। हत्या के मकसद का सुबूत जुटाने की पुलिस के सामने बड़ी चुनौती होगी। पुलिस सभी पहलुओं पर पहले से जांच कर रही है। हत्या की धारा जोड़ने पर अब और गंभीरता से उस दिशा में भी जांच शुरू कर दी गई है।
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सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने पुलिस आयुक्त से यह भी कहा है कि वे पीसीआर को लेकर भी जल्द कोई निर्णय लें। अगर जिले के साथ पीसीआर को विलय करने पर लगातार खामियां आ रही है तो उसे फिर अगल यूनिट बना दें और खामियां नहीं है तब विलय ही रहने दें। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि जिस इलाके में यह घटना हुई है उसे इलाके में प्रकाश की व्यस्थता जल्द कराएं। पुलिस आयुक्त अब इसको लेकर भी जल्द निर्णय ले सकते हैं।