Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Showroom Robbery: दिल्ली पुलिस पर खड़े हो रहे सवाल, दीवार तोड़कर 25 करोड़ की चोरी करके कैसे निकल गए चोर

    By Rakesh Kumar SinghEdited By: Geetarjun
    Updated: Tue, 26 Sep 2023 11:53 PM (IST)

    घुसकर स्ट्रांग रूम की दीवार में छेदकर लॉकरों से 25 करोड़ से अधिक के जेवरात चोरी की वारदात ने राजधानी की पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चोर इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देकर निकल गए और पुलिस को खबर तक नहीं हुई। भोगल में रात्रि गश्त कर रहे पुलिस वाले कहां थे।

    Hero Image
    दिल्ली पुलिस पर खड़े हो रहे सवाल, स्ट्रांग रूम की दीवार तोड़कर कैसे हो गई 25 करोड़ की चोरी?X

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। घुसकर स्ट्रांग रूम की दीवार में छेदकर लॉकरों से 25 करोड़ से अधिक के जेवरात चोरी की वारदात ने राजधानी की पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चोर इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देकर निकल गए और पुलिस को खबर तक नहीं हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भोगल में रात्रि गश्त कर रहे पुलिस वाले कहां थे। आसपास के दुकानदार सवाल उठा रहे हैं। हर वारदात के बाद ही पुलिस हरकत में आती है। उससे पहले सुरक्षा को लेकर व्यापक प्रबंध नहीं किए जाते।

    हर दिन होती हैं चोरियां

    राजधानी में अमूनन हर दिन रात के समय छोटी बड़ी कई चोरियां होती हैं, जिससे राजधानी की कानून-व्यवस्था बेहतर नहीं माना जा सकता है। लोगों की मानें तो राजधानी की सड़कों, बाजारों व आवासीय कॉलोनियों में रात के समय पुलिसकर्मी न के बराबर गश्त करते दिखाई देते हैं।

    चोरी आसानी से कर लेते हैं रेकी

    पुलिस की मुस्तैदी न देखकर चोर रेकी करने के बाद आसानी से चोरी की वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। सड़कों पर पुलिसकर्मियों की मुस्तैदी बढाने के केवल दावे ही किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। बीट प्रणाली पुलिस की रीढ़ ही हड्डी मानी जाती है। लेकिन, यह सब भी केवल कागजों तक ही सिमट कर रह गया है।

    दिल्ली पुलिस में संख्या बल की भारी कमी

    ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली की जनसंख्या के अनुरूप पुलिस में संख्या बल की भारी कमी है। बीटों में थानाध्यक्ष उन्हीं कर्मियों की तैनाती करते हैं जो उन्हें मोटी कमाई करके दे सके। इस तरह की व्यवस्था व मॉनिटरिंग की कमी के कारण राजधानी में आए दिन चोरियां होती हैं।

    शुरू हुई थी ई बीट बुक प्रणाली

    दिल्ली पुलिस ने कई साल पहले बेहतर पुलिसिंग के मकसद से ई बीट बुक प्रणाली भी शुरू की थी। इसके तहत बीट में तैनात सभी कर्मियों को एक-एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण दिए गए। जिसमें बीट अफसर अपने-अपने इलाके की हर जानकारी दर्ज करते हैं कि उनके इलाके में कितने आवासीय कॉलोनी, बाजार, दुकानें, स्कूल, बैंक, कॉलेज, धार्मिक स्थल, महत्वपूर्ण संस्थान, असामाजिक तत्व, छोटे-बड़े अपराधी, बाहरी किराएदार, कोचिंग सेंटर आदि हैं।

    इस प्रणाली को लाने का मकसद यह था कि हर बीट के पुलिसकर्मी को अपने-अपने इलाके की हर एक चीज की जानकारी रहे। उसमें यह भी व्यवस्था है कि रात के समय उन्होंने अपने-अपने इलाके में कहां कहां गश्त किया। उन्हें गश्त के दौरान काैन-कौन से बाहरी लोग कहां पर मिले। उन्होंने उनसे क्या पूछताछ की।

    इसकी जानकारी भी उस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण फीड करने का प्रविधान है। जीपीएस सिस्टम से जुड़े होने के कारण संबंधित थानाध्यक्षों व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उनकी लोकेशन भी देख सकते हैं, उन्होंने क्या जानकारी फीड की वह भी देख सकते हैं। कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इस तरह के प्रयासों के बावजूद मानिटरिंग के अभाव में राजधानी की कानून व्यवस्था नहीं सुधर पा रही है।

    ये भी पढ़ें- Delhi Jewellery Showroom Robbery: दीवार और लॉकर काटते रहे चोर, 25 करोड़ की चोरी की पुलिस को भनक तक नहीं

    दिल्ली पुलिस में पीसीआर वैन की संख्या 800 है, जो अपने अपने इलाके में घूमती रहती हैं। लेकिन, पीसीआर को भी रातभर शोरूम के अंदर हुई चोरी की भनक नहीं लगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि थानाध्यक्षोें व सरकारी बाइकों में जीपीएस सिस्टम लगे होने तो दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत में जीपीएस सिस्टम काम नहीं करते जिससे उनकी लोकेशन का पता ही नहीं किया जा सकता है कि थानाध्यक्षों व बीट अफसरों ने रात में गश्त की थी अथवा नहीं।

    ये भी पढ़ें- दिल्ली के ज्वेलरी शोरूम में 25 करोड़ की चोरी कैसे हुई? लॉकर में घुसने को चोरों ने यही दीवार क्यों तोड़ी