आंकलन कांटों को लेकर चालान ने बढ़ाई चिंता, मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा से मिलेंगे दिल्ली के थोक ज्वेलर्स
दिल्ली में बाट माप तौल विभाग की कार्रवाई से ज्वेलर्स परेशान हैं। आल इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (एबीजेए) इस मुद्दे पर मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा से मुलाकात करेगा। ज्वेलर्स का आरोप है कि विभाग अनुमानित कांटों के पंजीकरण पर दबाव बना रहा है और भारी चालान कर रहा है जिससे उनकी चिंता बढ़ गई है। इन कांटों का उपयोग ग्राहकों को गहनों का दाम बताने में होता है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के बाट, माप तौल विभाग की कार्रवाई से दिल्ली के ज्वेलर्स की चिंता बढ़ गई है। इस मामले को लेकर ज्वेलर्स के संगठन आल इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (एबीजेए) ने दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा से मिलने की तैयारी की है। यह मुलाकात 24 सितंबर को दिल्ली सचिवालय में होगी।
उनका आरोप है कि औसतन शो रूम में ऐसे दो से पांच कांटे होते हैं। जिनका उपयोग आम तौर पर गहनों का वजन कर ग्राहकों को दाम बताने में होती है। जबकि, शो रूम में मुख्य कांटे का पंजीयन होता है, लेकिन अन्य कांटों को लेकर पहले इस तरह की कार्रवाई नहीं थी।
एबीजेए के अध्यक्ष योगेश सिंघल के अनुसार, ज्वेलर्स शो रुम में कई एस्टीमेट (अनुमान लगाने वाले) कांटे होते हैं। जिनका उपयोग काउंटर पर कर्मी गहने तौलकर ग्राहकों को ज्वेलरी का दाम बताने के लिए करते हैं। उनपर एक से 100 ग्राम तक के गहने तौले जा सकते हैं।
अब नाप तौल विभाग ने आंतरिक उपयोग में आ रहे इस अनुमान कांटों के भी पंजीकरण को लेकर दबाव बढ़ाया है तथा इसे लेकर 50 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक के चालान किए जा रहे हैं। जिससे ज्वेलर्स की चिंता और परेशानी बढ़ी हुई है।
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