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    Delhi News: भरभरा कर गिरी जेएनयू के कावेरी हास्टल के कमरे की छत, बड़ा हादसा टला

    By Rajneesh Kumar PandeyEdited By: Pradeep Kumar Chauhan
    Updated: Fri, 07 Oct 2022 09:24 PM (IST)

    Delhi News जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर स्थित कावेरी हास्टल में आज यानी शुक्रवार शाम को एक कमरे की छत गिर गई। हालांकि किसी के हताहत होने की कोई ...और पढ़ें

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    Delhi News: सरिया लगने से उन्हें थोड़ी चोट भी आई है।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर स्थित कावेरी हास्टल में आज यानी शुक्रवार शाम को एक कमरे की छत गिर गई। हालांकि किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। इससे पहले भी कई बार जेएनयू में हास्टल की छत, कैंटीन की छत गिरने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।

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    एक छात्र अर्पित गौर ने बताया कि वह कमरे से निकलकर बालकनी में सूखे कपड़े उतारने के लिए गए थे। इसी दौरान उनके कमरे में धड़ाम से कुछ गिरने की आवाज आई। कमरे में जाकर देखा तो कमरे चाय गिरी हुई थी। साथ में छत में लगे सरिए भी गिरे हुए थे।

     कई बार हो चुकी हैं छत से प्लास्टर गिरने की घटनाएं 

    सरिया लगने से उन्हें थोड़ी चोट भी आई है। उनका आरोप है कि एक महीने पहले भी उनके हास्टल में छत गिरने की घटना सामने आई थी। साथ ही कुछ दिनों पहले भी उन्होंने हॉस्टल के केयरटेकर को छत से सीमेंट आदि गिरने की सूचना दी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। दरअसल, इससे पहले भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के गोदावरी छात्रावास के कमरा नंबर 237 की छत के प्लास्टर का एक छोटा सा हिस्सा टूटकर स्टडी टेबल पर गिर पड़ा। इससे किसी छात्र को तो चोट नहीं आई, लेकिन टेबल पर रखा लैपटाप क्षतिग्रस्त हो गया।

    जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के इकाई अध्यक्ष रोहित कुमार ने इसकी जानकारी दी थी। विगत अप्रैल माह में भी यहां साबरमती छात्रावास में एक वाशरूम की छत का प्लास्टर गिर जाने से एक छात्र घायल हो गया था। उल्लेखनीय है कि जेएनयू में बने हुए छात्रावास 50 साल से भी अधिक पुराने हैं। मरम्मत न होने के कारण छात्रावास के कमरों और वाशरूम की छतों से बारिश में पानी टपकना और प्लास्टर गिरना आम बात हो गई है।

    छात्रों ने जताया विरोध

    जेएनयू छात्रावासों की दयनीय दशा को विद्यार्थियों ने इस समस्या को विश्वविद्यालय के सामने रखा है। छात्र संगठनों ने इस मुद्दे पर पिछले कुछ महीनों में कई बार प्रदर्शन भी किया है। जेएनयू के विद्यार्थियों ने मांग कि है कि तत्काल गोदावरी छात्रावास का पूर्ण जीर्णोद्धार किया जाएगा। छत का मलबा गिरने का यह कोई पहला ऐसा मामला नहीं है। अप्रैल महीने में साबरमती छात्रावास में स्नानघर की छत गिर जाने से एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया था।

    मरम्मत के लिए दिए गए हैं 14 करोड़ रुपये

    छात्रों ने कई बार इसके लिए प्रदर्शन भी किया है। इसके बाद हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा छात्रावास और अन्य पुरानी इमारतों की मरम्मत के लिए 14 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है, जिससे कई छात्रावास में मरम्मत का काम शुरू हो चुका है। कई में आने वाले दिनों में काम शुरू होना है। छात्रावास और अन्य पुरानी इमारतों की मरम्मत के लिए जेएनयू प्रशासन ने कुल 56 करोड़ रुपये की मांग की थी। जिसमें से अभी 14 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं।

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