Delhi News: बगैर पानी के कैसे चलेंगे दिल्ली में लगे फव्वारे, जी-20 के सफल आयोजन के बाद उठने लगे सवाल
जी-20 के सफल आयोजन के बाद अब सवाल है कि दिल्ली कितने दिनों तक वैसे ही रंग-बिरंगी नजर आएगी। दिल्ली में पीडब्ल्यूडी द्वारा 109 फव्वारे और 49 मूर्तियां लगाई गई हैं। सवाल हो रहे हैं कि दिल्ली में बने फव्वारे बगैर पानी के कैसे चलेंगे क्योंकि अभी अधिकतर फव्वारे टैंकर के पानी से चलाए जा रहे हैं। इन्हें नियमित टैंकर के पानी से चलाया जाना आसान नहीं है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। बगैर पानी के फव्वारे कैसे चलेंगे, यह चर्चा जी-20 के सफल आयोजन के बाद तेज हो गई है। लगाए गए फव्वारों के लिए पानी का संकट है। अभी अधिकतर फव्वारे टैंकर के पानी से चलाए जा रहे हैं, संबंधित एजेंसियां भी मान रही हैं कि इन्हें नियमित टैंकर के पानी से चलाया जाना आसान नहीं है।
PWD के 109 फव्वारे हैं
इनके लिए बोरिंग कराकर जमीन का पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। जी-20 में अकेले लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के ही 109 फव्वारे हैं। वहीं नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने भी जी-20 को देखते हुए वर्षों से बंद पड़े फव्वारे चला दिए हैं।
जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत दिल्ली में पीडब्ल्यूडी द्वारा 109 फव्वारे और 49 मूर्तियां लगाई गई हैं। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लेकर प्रगति मैदान और राजघाट तक दिल्ली को लगभग चमका दिया गया है। शाम के समय रंग बिरंगी रोशनी में वाले फव्वारे लाेगों को आकर्षित कर रहे हैं। जगह जगह फव्वारों के साथ लगाई गईं मूर्तियां सुंदरता में चार चांद लगा रही हैं।
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लोग बोले- ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए
सड़क से गुजर रहे लोेगों की प्रतिक्रिया भी जबरदस्त है। उनकी मानें तो ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए कि जिससे शहर का पूरा माहौल ही बदल जाता है। मगर बड़ा सवाल यही है कि क्या दिल्ली की यह चमक बरकरार रह पाएगी। यही सवाल दिल्ली की जनत भी उठा रही है कि फव्वारे कब तक चल सकेंगे। दिल्ली गेट पर शाम के समय परिवार के साथ फव्वारों की सुंदरता देखने पहुंचे रामकिशन गुप्ता ने कहा कि ये फव्वारे चलते रहने चाहिए, मगर इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसकी उम्मीद कम दिख रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली गेट चौराहे का पूरा लुक बदल गया है। यह एक अच्छी जगह बन गई है। पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार फव्वारों में जमीन के पानी के लिए बोरिंग के आवेदन किया है। यह कार्य जहां जहां फव्वारे हैं उन डिवीजन द्वारा किया गया है।
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टैंकर के पानी से फव्वारे चलाना आसान नहीं
अधिकारी ने कहा कि फव्वारों को टैंकर से पानी भर कर नियमति चलाया कठिन कार्य है, क्योंकि सामान्य फव्वारे में एक टैंकर पानी आता है और एक दिन छोड़कर भरना पड़ता है। मगर फिर भी विभाग ने टैंकर लगाए जाने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। अभी नौ माह के लिए टैंकर लगाए जाएंगे।उसके बाद आगे के लिए फिर से टेंडर निकाले जाएंगे।
प्रमुख फव्वारे
- 18 शिवलिंग के आकार वाले फव्वारे पालम हवाई अड्डे के पास
- 14 सामान्य फव्वारे पालम हवाई अड्डा पार्क के पास
- 10 फव्वारे धाैला कुआं फ्लाईओवर के पास
- 24 फव्वारे एनएच की दीवार के साथ
- 14 फव्वारे आइटीपीओ के मथुरा रोड पर
- 7 फव्वारे राजघाट और आसपास
- 3 फव्वारे भैरों मार्ग
सुंदरता का हिस्सा बने रहेंगे फव्वारे- NDMC
एनडीएमसी के सदस्य कुलजीत चहल ने कहा कि 65 फव्वारे जो जी 20 के मद्देनजर कनाट प्लेस से लेकर इंडिया गेट, सरदार पटेल मार्ग जैसे प्रमुख स्थानों पर बनाए गए थे। वह सुंदरता का हिस्सा बने रहेंगे। वह सुचारू रूप से चलते रहें, इसके लिए एनडीएमसी ने टेंकरों की व्यवस्था की है। जो जरूरत के आधार पर इनमें पानी डालते हैं। यहां के एक फव्वारे में औसतन 12 हजार लीटर पानी आता है।
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प्रतिदिन एक हजार लीटर करीब वाष्प हो जाता है। ऐसे में तीसरे और चौथे दिन इन फव्वारो में टैंकरो के माध्यम से पानी डाला जाता है। इसमें पानी की कोई कमी नहीं होगी। हालांकि, प्रतिदिन टैंकर से पानी डालना चुनौती पूर्ण है, पर एनडीएमसी सभी चुनौतियों को पार कर फव्वारों को सुचारू रखेगा। एनडीएमसी इलाके में दो पालियों में फव्वारे चलते रहेंगे। इसमें पहली पारी में सुबह सात से दोपहर दो बजे तक चलेंगे, जबकि दोपहर चार बजे से रात 12 बजे तक चलेंगे।
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