Heat Stroke: दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में हीट स्ट्रोक यूनिट शुरू, जानें क्या मिलेंगी सुविधाएं
दिल्ली में बढ़ते तापमान और लू के प्रकोप को देखते हुए अस्पताल अलर्ट मोड पर हैं। आरएमएल अस्पताल में हीट स्ट्रोक यूनिट चालू कर दी गई है जबकि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में हीट स्ट्रोक यूनिट फिलहाल बंद है। पिछले साल भीषण गर्मी से सैकड़ों लोग बीमार पड़े थे और 80 से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई थी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में तापमान 40 के पार पहुंच गया है और लू का प्रकोप शुरू हो गया है। इसे देखते हुए आरएमएल अस्पताल में हीट स्ट्रोक यूनिट चालू कर दी गई है, ताकि हीट स्ट्रोक के कारण अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों का इलाज किया जा सके।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) की इमरजेंसी में हीट स्ट्रोक यूनिट है, लेकिन वह फिलहाल बंद है। सफदरजंग समेत दिल्ली के दूसरे बड़े अस्पतालों में भी हीट स्ट्रोक के मरीजों का इलाज होता है, लेकिन वहां हीट स्ट्रोक यूनिट नहीं है।
पिछले साल भीषण गर्मी से हुई थी इतनी मौतें
पिछले साल भीषण गर्मी और गर्म हवाओं के कारण सैकड़ों लोग बीमार पड़े थे और 80 से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई थी। अकेले सफदरजंग अस्पताल में ही 33 मरीजों की मौत हीट स्ट्रोक के कारण हुई थी। इसके अलावा आरएमएल, लोकनायक, डीडीयू, एलएचएमसी अस्पताल समेत कई अन्य अस्पतालों में भी हीट स्ट्रोक के कारण मरीजों की मौत के मामले सामने आए थे, लेकिन ज्यादातर मौतें जून में हुई थीं।
हीट वेव अलर्ट को देखते हुए आरएमएल अस्पताल ने हीट स्ट्रोक के कारण बीमार पड़ने वाले लोगों के इलाज की तैयारी पूरी कर ली है। अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के प्रमुख डॉ. अमलेंदु यादव ने बताया कि हीट स्ट्रोक यूनिट में चार बेड की व्यवस्था है। इसके अलावा इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए पांच बेड निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा जरूरत के हिसाब से वार्डों में भी बेड निर्धारित किए जाएंगे।
हीट स्ट्रोक की चपेट में आने पर मरीजों में लक्षण
हीट स्ट्रोक की चपेट में आने पर मरीजों को काफी तेज बुखार आता है। पिछले साल मरीज 107-110 डिग्री फारेनहाइट बुखार से पीड़ित होने के बावजूद इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे थे। ऐसे में बुखार कम करने में दवा भी नाकाम हो जाती है। इसे देखते हुए आरएमएल अस्पताल की हीट स्ट्रोक यूनिट में दो टब लगाए गए हैं।
डॉ. अमलेंदु ने बताया कि जरूरत पड़ने पर मरीज को 50 किलो बर्फ के ठंडे पानी से भरे इस टब में बैठाया जाएगा, ताकि बुखार जल्दी कम हो सके। डॉक्टरों का कहना है कि हीट स्ट्रोक के मरीजों को अगर लंबे समय तक तेज बुखार रहे तो शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है, जिससे मौत हो जाती है।
एलएचएमसी अस्पताल की इमरजेंसी में हीट स्ट्रोक यूनिट में टब, बेड और कुछ उपकरण हैं लेकिन यह अभी तक काम नहीं कर रहा है। अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि जल्द ही इस यूनिट में व्यवस्था को सुधार कर इसे चिकित्सा सेवा के लिए तैयार कर दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार के ज्यादातर अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के इलाज की सुविधा अच्छी नहीं है। इसी वजह से पिछले साल देखा गया था कि हीट स्ट्रोक के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए मरीजों को दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों से आरएमएल और सफदरजंग अस्पताल में भेजा जा रहा था।
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