'CLAT 2025 के अभ्यर्थियों को नहीं होनी चाहिए संदेह और चिंता', हाईकोर्ट ने दिया आश्वासन
क्लैट 2025 परीक्षा में प्रश्नों को लेकर उठे विवाद पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। हाईकोर्ट ने कहा कि संदेह और चिंता अभ्यर्थियों के लिए ठीक नहीं है। कोर्ट ने कहा कि वह जल्द से जल्द परिणाम घोषित करने की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करना चाहती है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT 2025) प्रश्नावली में कुछ त्रुटियों को लेकर विभिन्न हाईकोर्ट से स्थानांतरित याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
संदेह और चिंता अभ्यर्थियों के लिए ठीक नहीं
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि संदेह और चिंता अभ्यर्थियों के लिए ठीक नहीं है।
पीठ ने कहा कि वह जल्द से जल्द परिणाम घोषित करने की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करना चाहती है। पीठ ने कहा कि जहां तक स्नातक का सवाल है, इस पर सुनवाई करना ज्यादा जरूरी है और कोर्ट का प्रस्ताव है कि जल्द से जल्द सुनवाई पूरी की जाए ताकि परिणाम घोषित किया जा सके।
पीठ ने कहा कि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की याचिकाओं पर अलग से विचार किया जाएगा। पीठ ने कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (सीएनएलयू) की ओर से पेश वकील को कुछ देर सुना और मामले की सुनवाई मंगलवार के लिए स्थगित कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को सौंपा ज्ञापन
विभिन्न हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर कर आरोप लगाया गया था कि दिसंबर-2024 में आयोजित क्लैट-2025 परीक्षा में कई प्रश्न गलत थे। 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं पर सुसंगत निर्णय के लिए मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया था।
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