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    CM रेखा गुप्ता ने अस्पतालों को सौंपी 40 ट्रूनेट मशीनें और 11 नई एंबुलेंस, मरीजों को मिलेगी राहत

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 11:05 PM (IST)

    दिल्ली सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों को 40 ट्रूनैट मशीनें और 11 नई एम्बुलेंस सौंपी हैं ताकि टीबी की जांच और इलाज को बेहतर बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने अंगदान पोर्टल की शुरुआत की और टीबी जागरूकता पुस्तिकाओं का विमोचन किया। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला जिसमें नए आरोग्य मंदिरों का निर्माण और नर्सों की नियुक्ति शामिल है।

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    दिल्ली के अस्पतालों को मिलीं टीबी जांचने वालीं 40 ट्रूनाट मशीनें और 11 एंबुलेंस

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्मतिथि के उपलक्ष्य में चल रहे सेवा पखवाड़े के तहत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बृहस्पतिवार दिल्ली सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में राजधानी दिल्ली के अस्पतालों को टीबी की आधुनिक जांच के लिए 40 ट्रूनेट मशीनों के साथ ही 11 नई सीएटीएस एंबुलेंस प्रदान की।

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    अंगदान ऑनलाइन पोर्टल शुरू करते हुए चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र (डीईआइसी) का भी शुभारंभ किया।

    “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” के संकल्प के साथ टीबी जागरूकता पुस्तिकाओं का विमोचन और पोषण युक्त खाद्य किट का भी वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 150 नई डायलिसिस मशीनें पीपीपी माडल पर लगाई गई हैं, जिससे डायलिसिस मशीनों की क्षमता बढ़कर 300 हो गई है।

    आज 11 नई सीएटीएस एंबुलेंस को जोड़ने के बाद दिल्ली में कुल 277 कैट्स एम्बुलेंस जनता की सेवा के लिए उपलब्ध हैं। अक्टूबर महीने तक 53 और नई बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सेवा से जुड़ जाएंगी, जिससे एंबुलेंस के बेड़े की संख्या हमारी सरकार के दीर्घकालिक लक्ष्य 1000 के बेहद करीब तक पहुंच जाएगी।

    सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि हमने ये लक्ष्य तय किया है कि दिल्ली में एम्बुलेंस पिज्जा से भी पहले जरूरत पड़ने पर लोगों के घरों तक पहुंचे। ट्रूनाट मशीनों से 25 चेस्ट क्लीनिक के साथ 190 केंद्रों और 334 उपचार केंद्रों में सेवाएं और ज्यादा मजबूत होंगी, जबकि अब तक दिल्ली में लगभग 56,000 लोगों को टीबी जांच और इलाज से जोड़ा जा चुका है।

    कहा कि दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को अब ऐसा रोल माडल बनाया जाएगा, जहां हर नागरिक, चाहे वह अमीर हो या फिर गरीब हो, सभी को आधुनिक तकनीक, सस्ती दवाइयां, मुफ्त जांच की सुविधा के साथ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों।

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    वहीं स्वास्थ्य मंत्री डा. पंकज कुमार सिंह ने सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में सात महीनों में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला। कहा केवल 167 दिनों में दिल्ली में 168 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए गए हैं। दिल्ली के इतिहास में पहली बार 1300 नर्सों और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट्स की स्थायी नियुक्ति की गई है।

    सरकारी अस्पतालों के लिए दवाइयों की खरीद अब सीधे केंद्रीय खरीद एजेंसी (सीपीए) के माध्यम से बेहद पारदर्शी तरीके से की जा रही है, जिससे भ्रष्टाचार के साथ ही खरीद में होने वाली देरी पर पूरी तरह से रोक लग गई है।