Delhi के अस्पतालों में शुरू होगी ये खास सुविधा, घर बैठे जान सकेंगे हर अपडेट; पढ़ें पूरी रिपोर्ट
दिल्ली सरकार अब अस्पतालों को डिजिटल करने जा रही है। इसके लिए एचएमआइएस तकनीक का इस्तेमाल होगा जिससे बेड की उपलब्धता ऑनलाइन पता चल सकेगी। एक ऑनलाइन डैशबोर्ड और मोबाइल ऐप भी जारी किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डा. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इससे स्वास्थ्य सेवाएं स्मार्ट होंगी और मरीजों को आसानी से जानकारी मिल सकेगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार अपने अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं को डिजिटल बनाने के लिए अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचएमआइएस) तकनीक से लैस करेगी।
इसके तहत अस्पतालों की चिकित्सा सेवाओं को ई-हॉस्पिटल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। साथ ही ऑनलाइन प्लेटफार्म और मोबाइल एप भी जारी होगा। इसके माध्यम से अस्पतालों की ओपीडी में इलाज के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट, पंजीकरण इत्यादि सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही एक ऑनलाइन डैशबोर्ड जारी होगा। जिस पर बेड उपलब्धता की जानकारी भी मिल सकेगी।
बता दें कि यह सुविधा विकसित करने के लिए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डा. पंकज कुमार सिंह ने गुरुवार को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी), सी-डैक (सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठकर कर कार्ययोजना की समीक्षा की।
इसके बाद उन्होंने कहा कि एचएमआइएस लागू होने पर राष्ट्रीय राजधानी की स्वास्थ्य प्रणाली स्मार्ट व डिजिटल होगी। एक क्लिक में स्वास्थ्य सेवाओं जुड़ी आवश्यक जानकारी, अप्वाइइंटमेंट, जांच रिपोर्ट, डाक्टर द्वारा लिखी गई पर्ची इत्यादि उपलब्ध हो जाएगी। अस्पतालों में बिल भुगतान, लैब व रेडियोलाजी जांच, आपरेशन थिएटर और वार्ड प्रबंधन जुड़े कार्य भी आनलाइन हो सकेंगे।
बताया गया कि यह प्रणाली आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) से जुड़ी होगी। दो दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में मरीजों का आभा नंबर (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट) तैयार करने का निर्देश दिया है। इससे मरीजों का हेल्थ रिकार्ड भी आनलाइन उपलब्ध रहेगा।
जांच की भी निगरानी हो सकेगी
पंकज कुमार सिंह ने कहा कि आनलाइन डैशबोर्ड पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल तक का डाटा वास्तविक समय में देखा जा सकेगा। एक केंद्रीयकृत कंट्रोल रूम भी होगा। इससे बेड की उपलब्धता, दवाओं के स्टाक व जांच की भी निगरानी हो सकेगी। साथ ही अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं से जुड़ी तैयारियों की स्थिति पर नजर रखी जा सकेगी।
इससे इलाज प्रक्रिया तेज व पारदर्शी होगी और मरीजों के लिए सुविधाजनक होगा। यह सिस्टम लागू होने पर एक मोबाइल एप भी जारी होगा। इस एप या वाट्सएप के माध्यम से जरूरी जानकारी मिल सकेगी। यह लागू होने पर दवाओं के उपयोग, डाक्टरों के कामकाज की भी निगरानी हो सकेगी।
130 करोड़ की लागत से तैयार की जानी थी यह प्रणाली
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की पिछली सरकार ने भी वर्ष 2016-17 में एचएमआइएस विकसित करने की घोषणा की थी। फरवरी 2022 में एक निजी एजेंसी को टेंडर भी आवंटित हुआ। इसके तहत करीब 130 करोड़ की लागत से यह प्रणाली तैयार की जानी थी, लेकिन कुछ नहीं हो पाया।
एनआइसी का पहले से ई-हॉस्पिटल और नेक्स्ट जनरेशन ई-हॉस्पिटल एचएमआइएस साफ्टवेयर है। इसी तरह सी-डैक के पास ई-सुश्रुत साफ्टवेयर है।
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एनआइसी का साफ्टवेयर एम्स, सफदरजंग, आरएमएल सहित देश भर के 738 अस्पतालों में इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में किसी निजी एजेंसी से सॉफ्टवेयर बनवाने की तुलना में एनआइसी व सी-डैक की तकनीक को अपनाकर उसे जल्दी लागू करना आसान है।

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