ये तो असंवेदनशीलता की हद हो गई, दिल्ली के सरकारी अस्पताल क्षेत्रीय सीमा का हवाला देकर कर रहे इलाज से इनकार
दिल्ली में लेडी हार्डिंग अस्पताल ने अक्षरधाम के पास घायल मिले एक व्यक्ति का इलाज करने से इनकार कर दिया क्योंकि वह क्षेत्र उनके दायरे में नहीं आता था। आरपीएफ जवान घायल को जीटीबी और हेडगेवार अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया। बाद में घायल को हेडगेवार अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना ने अस्पतालों की क्षेत्रीय सीमाओं और मरीजों के प्रति लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। पुलिस थाने तो सीमा विवाद में फंसते आएं हैं, लेकिन अब राजधानी के सरकारी अस्पताल भी भौगोलिक सीमाओं की बात कर इलाज से इनकार कर रहे हैं।
यह तय कर रहे हैं कि किसी क्षेत्र के घायल को वह उपचार देंगे और किसको नहीं। ऐसा ही एक मामला लेडी हार्डिंग अस्पताल का सामने आया है।
आनंद विहार आरपीएफ पोस्ट के जवान अक्षरधाम गेम्स विलेज के पास रेलवे लाइन किनारे मिले घायल को लेडी हार्डिंग अस्पताल लेकर पहुंचे।
वहां उपचार करने से यह कहकर इनकार कर दिया गया कि जहां दुर्घटना हुई, वह जीटीबी या डाॅ. हेडगेवार अस्पताल के दायरे में आता है। मजबूरन आरपीएफ और दिल्ली पुलिस उसे लेकर डाॅ. हेडगेवार अस्पताल पहुंची, तब उसे भर्ती कराया गया।
इस पर आरपीएफ की ओर से प्रश्न पूछा गया है कि क्या अस्पताल का भी क्षेत्रीय सीमा होती है और इस आधार पर किसी घायल का उपचार नहीं किया जाएगा। इस पर अस्पताल प्रशासन चुप्पी साध चुका है।
आनंद विहार आरपीएफ के मुताबिक, मंगलवार को रेलवे के गैंगमैन ने सुबह करीब 11:15 बजे अक्षरधाम गेम्स विलेज के पास रेलवे लाइन किनारे एक व्यक्ति के ट्रेन की टक्कर से घायल होने की सूचना दी।
उस क्षेत्र में रेलवे लाइन किनारे टीम के साथ पैदल पेट्रोलिंग कर रहे आरपीएफ कांस्टेबल पंकज शर्मा घटनास्थल पहुंचे। वहां उन्हें घायल व्यक्ति मिला।
घायल के हाथ में फ्रैक्चर था, साथ ही सिर समेत शरीर पर कई जगह चोट लगी हुई थी। उन्होंने एंबुलेंस के लिए 108 नंबर डायल किया, जिसकी काॅल उत्तर प्रदेश के काॅलसेंटर में गई।
एंबुलेंस मिलने में दिक्कत हुई तो उन्होंने पीसीआर को काॅल कर सूचना दी। आसपास जंगल क्षेत्र होने के कारण नेटवर्क और मार्ग दोनों की वजह से पुलिस उन तक नहीं पाई।
ज्यादा देर करने के बजाय उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बात की और रेलवे कंट्रोल की मदद से बीकानेर दुरंतो एक्सप्रेस को वहां रुकवाया।
उसमें वह घायल को लेकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां से वह घायल को लेडी हार्डिंग अस्पताल ले गए। घायल अपना नाम व पता नहीं बता पा रहा था।
आरपीएफ का आरोप है कि इमरजेंसी में घटनास्थल अक्षरधाम गेम्स विलेज बताने पर अस्पताल के डाॅक्टरों ने घायल का उपचार करने से इनकार कर दिया।
यह कहते हुए कि अक्षरधाम का क्षेत्र जीटीबी और डाॅ. हेडगेवार अस्पताल के दायरे में आता है। इसे वहीं लेकर जाएं। करीब डेढ़ घंटे की जद्दोजहद के बाद आरपीएफ ने हार मान ली।
तब पुलिस ने घायल के लिए एंबुलेंस बुलाई और उसे लेकर डाॅ. हेडगेवार अस्पताल में भर्ती करवाया। इस संबंध में लेडी हार्डिंग अस्पताल प्रशासन से फोन कर और वाटस्एप के जरिये पक्ष मांगा गया, जो उन्होंने नहीं दिया।
आरपीएफ को घटनास्थल पर घायल अर्धनग्नावस्था में मिला था। माना जा रहा है कि रेलवे लाइन किनारे घूमते समय इसका दाहिना हाथ किसी ट्रेन से टकरा गया। झटका लगने के कारण वह गिरा तो उसके सिर और शरीर पर कई चोटें आईं।
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