अलग-अलग मामले में आरोपित को बार-बार रिमांड पर लेने पर पत्नी ने दी याचिका, HC ने दिल्ली पुलिस मांगा जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट ने सलीम अहमद उर्फ पिस्टल की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। याचिका में पुलिस द्वारा बार-बार रिमांड लेने की वैधता पर सवाल उठाया गया है। अदालत ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अलग-अलग मामले में आरोपित सलीम अहमद उर्फ पिस्टल का बार-बार पुलिस रिमांड लेने के खिलाफ उसकी पत्नी द्वारा दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया की पीठ ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के अंदर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगी।
अधिवक्ता कासिफ अतहर व अक्षय लोधी के माध्यम से याचिका दायर कर सलीम अहमद उर्फ पिस्टल की पत्नी ने कई प्राथमिकी में लगातार पुलिस रिमांड की वैधता पर सवाल उठाए गए हैं।
अधिवक्ता कासिफ अतहर ने तर्क दिया कि उनकी पति की पुलिस द्वारा एक मामले में रिमांड समाप्त होने पर पुलिस द्वारा दूसरी प्राथमिकी पर रिमांड लिया जा रहा है।
यह भी तर्क दिया गया कि एक आरोपित को अलग-अलग एफआईआर में रिमांड पर लेना संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। यह भी कहा गया कि किसी भी व्यक्ति को प्राथमिकी के रोटेशन के जरिए अनिश्चितकालीन कस्टडी में नहीं रखा जा सकता।
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और उचित प्रक्रिया के अधिकार को सर्वोपरि रहना चाहिए। वहीं, दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता अमोल सिन्हा ने पीठ को बताया कि सलीम अहमद उर्फ पिस्टल पर 14 प्राथमिकी हैं और गिरफ्तारी के दौरउ उसके पास से 26 पिस्टल व 800 कारतूस बरामद हुए थे।
पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपित कुख्यात हाशिम बाबा/नासिर गैंग से जुड़ा है और उसने फर्जी पासपोर्ट पर पाकिस्तान की यात्रा की थी।
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