Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    'हमें पेश होने में कोई परेशानी नहीं, लेकिन कुछ प्रोटेक्शन चाहिए...', दिल्ली HC के सवाल पर केजरीवाल का जवाब

    Updated: Wed, 20 Mar 2024 12:01 PM (IST)

    आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी के समन को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। दिल्ली हाई कोर्ट ने सीएम केजरीवाल की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही इस दौरान सीएम केजरीवाल ने पेशी को लेकर कुछ प्रोटेक्शन की मांग की है।

    Hero Image
    सीएम केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी से मांगा जवाब

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी के नौवें समन को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने याचिका के आधार पर सवाल उठाया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साथ ही कहा कि याचिका के आधार पर ईडी अपना जवाब दाखिल करेगी। इस पर न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने मामले में नोटिस न जारी कर ईडी को जवाब दाखिल करने को कहा। मामले में अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।

    ईडी के सामने पेश क्यों नहीं होते केजरीवाल?

    अदालत ने केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से सवाल किया कि आपके मुवक्किल के नाम से समन है तो वह ईडी के सामने क्यों पेश नहीं होते?

    सिंघवी ने जवाब में कहा कि मनीष सिसोदिया व संजय सिंह इसी तरह पेश हुए थे, ऐसे में मुख्यमंत्री एक सुरक्षा चाहते हैं। सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल अपराधी नहीं हैं और वह वर्चुअल व भौतिक रूप से पेश होना चाहते हैं, लेकिन उन्हें एक सुरक्षा चाहिए।

    यह भी पढ़ें- 

    इससे पहले बार-बार समन जारी होने के बाद भी पेश नहीं होने पर ईडी ने अदालत में दो शिकायत दायर की थी। ईडी की शिकायत पर एडिशनल चीफ मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट ने 16 मार्च को 15-15 हजार के मुचलके व एक-एक लाख के जमानती पर केजरीवाल को जमानत दी थी।

    यह है मामला...

    • सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था।
    • इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था।
    • इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
    • 22 जुलाई 2022 को एलजी वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर सीबीआई जांच की सिफारिश की।
    • इस पर सीबीआई ने प्राथमिकी की थी।