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    पार्क में खड़े होकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने पर हाईकोर्ट ने महिला अधिवक्ता को लगाई फटकार

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 07:02 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महिला वकील को पार्क में खड़े होकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अदालत में पेश होने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि वकीलों को कार्यालय से पेश होना चाहिए न कि सार्वजनिक स्थानों से। अदालत ने बार एसोसिएशनों से इस बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया है। दहेज उत्पीड़न मामले में आरोपित की जमानत याचिका पर कोर्ट ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।

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    पार्क से वीडिया कान्फ्रेंसिंग से पेश होन पर हाई कोर्ट ने महिला अधिवक्ता को लगाई फटकार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पार्क में खड़े होकर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत के समक्ष पेश होने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महिला अधिवक्ता को फटकार लगाई। साथ ही दिल्ली के बार एसोसिएशनों से अनुरोध किया है कि वे अपने सदस्यों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अदालतों में पेश होने के बारे में जागरूक करें।

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    न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया की पीठ ने कहा कि महामारी के दौरान वीसी की सुविधा शुरू की गई थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वकील अपने कार्यालय में बैठकर अदालतों में पेश हों, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वकील पार्क में खड़े होकर अदालत में पेश होंगे।

    अदालत ने उक्त टिप्पणी तब की जब एक महिला अधिवक्ता पार्क में घूमते हुए अपने मोबाइल फोन के जरिए अदालत में पेश हुई। पूछे जाने पर उसने अदालत को बताया कि वह आगरा कोर्ट पार्क में खड़ी है। पीठ ने कहा कि फरवरी माह में बार एसोसिएशनों से इसी तरह का अनुरोध किया था, लेकिन ऐसा लगता है कि ऐसा नहीं किया गया है।

    बार-बार निर्देशों के बावजूद अधिवक्ता मर्यादा नहीं समझ पा रहे

    इस पर पीठ ने कहा कि बार-बार निर्देशों के बावजूद कुछ अधिवक्ता अदालत की मर्यादा को समझन नहीं पा रहे हैं। पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता की उपस्थिति दर्ज करने से इन्कार कर दिया, लेकिन याचिका पर विचार करते हुए कहा कि इस तरह की गलती के कारण वादी को परेशानी नहीं उठानी चाहिए।

    अदालत ने दहेज उत्पीड़न समेत अन्य धारा में दर्ज एक वैवाविक विवाद मामले में आरोपित सूरज दास की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया। अदालत ने मामले पर पुलिस को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देते हुए आदेश की एक प्रति दिल्ली भर के बार एसोसिएशनों को भेजने का रजिस्ट्री को निर्देश दिया, ताकि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों में उपस्थित होने के बारे में जागरूक किया जा सके।