1971 युद्ध की यादों वाले कारतूस रखने पर दिल्ली HC ने दी राहत, सैन्य अधिकारी के बेटे के खिलाफ FIR रद्द
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को राहत दी जो 1971 के भारत-पाक युद्ध से जुड़े कारतूस के साथ एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था। अदालत ने कहा कि सेना में रहे पिता की मृत्यु के बाद याचिकाकर्ता को बैग में कारतूस होने की जानकारी नहीं थी। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। 1971 के भारत-पाक युद्ध की यादों को संजोने के लिए एक सैन्य अधिकारी द्वारा अपने पास रखे गए तीन कारतूस के साथ इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पकड़े गए एक व्यक्ति को दिल्ली हाई कोर्ट ने राहत दे दी है। अदालत ने रिकाॅर्ड पर लिया कि सेना की सेवा करने वाले पिता की मृत्यु के बाद याचिकाकर्ता उनका सामान लेकर मुंबई जा रहा था, लेकिन उसे सामान से भरे बैग में कारतूस की मौजूदगी की जानकारी नहीं थी।
याची का कोई आपराधिक इरादा नहीं
अदालत ने कहा कि याची ने एक गलती के कारण अपना बैग पैक करने से पहले पैकेटों की अच्छी तरह से जांच नहीं की और पुराने कारतूस सूटकेस में किसी की नजर में नहीं आए। इस कारण वह इसे लेकर एयरपोर्ट पहुंच गए थे।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि याची का कोई आपराधिक इरादा नहीं था और उक्त तथ्यों को देखते हुए आरोपित के खिलाफ आइजीआइ एयरपोर्ट थाने में की गई आम्र्स एक्ट से जुड़ी प्राथमिकी को रद किया जाता है।
गोला-बारूद इकट्ठा किया
याचिकाकर्ता हरजीत सिंह तंवर ने उनके खिलाफ की गई प्राथमिकी को रद करने की मांग को लेकर दायर की याचिका में कहा गया कि वह मूल रूप से मुंबई के रहने वाले हैं और पंजाब बाग एक्सटेंशन में रहने वाले अपने पिता से जुड़ी चीजें लेने आए थे।
याचिका के अनुसार उनके पिता ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) पीएस तंवर ने भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लिया था और 1983 में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने तर्क दिया कि उनके पिता ने भारत-पाक युद्ध में भाग लेने की यादों के तौर पर गोला-बारूद इकट्ठा किया और अपने पास रखा था।
91 वर्ष की उम्र में हुई मौत
ये कारतूस उनके निजी सामान में पड़े थे और उन्हें पंजाबी बाग स्थित उनके आवास में इसके रखे होने की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि वह मुंबई में बस गए थे और बाद में तबियत खराब होने पर उनके पिता भी मुंबई में उनके पास रह रहे थे। हालांकि, काेरोना महामारी के दौरान 91 वर्ष की उम्र में 14 अक्टूबर 2020 को उनकी मृत्यु हो गई थी।
एयरपोर्ट पर हुई सुरक्षा जांच
वर्ष 2022 में वे दिल्ली आए और अपने पिता के आई-कार्ड, सर्विस बुक, सीएसडी कार्ड सहित अन्य चीजों से भरे बैग को अपने साथ ले जा रहे थे। हालांकि, बैग के एक पाकेट में कुछ मेडल के साथ रखे उक्त कारतूसों की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। नौ फरवरी 2022 को दिल्ली से मुंबई यात्रा के दौरान आइजीआइ एयरपोर्ट पर हुई सुरक्षा जांच में तीन कारतूस बरामद हुए थे और मामले में प्राथमिकी हुई थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।