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    दिल्ली हाईकोर्ट ने विस्तारा और एयर इंडिया के विलय के खिलाफ याचिका को किया खारिज, की ये अहम टिप्पणी

    दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने हाल में विस्तारा एयरलाइंस और एयर इंडिया लिमिटेड के विलय के खिलाफ दायर की गई याचिका खारिज कर दिया। याचिका डालते हुए कहा गया था कि बोली में हेराफेरी हुई है। न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा कि लगाए गए आरोप निराधार हैं और किसी भी सुबूत से समर्थित नहीं हैं। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।

    By Ritika Mishra Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Tue, 09 Jul 2024 04:11 PM (IST)
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    Delhi News: विस्तारा एयरलाइंस और एयर इंडिया लिमिटेड के विलय की याचिका कारिज।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कार्टेलाइजेशन और बोली में हेराफेरी के आरोपों पर विस्तारा एयरलाइंस और एयर इंडिया लिमिटेड के विलय के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया है।

    किसी भी सुबूत से समर्थित नहीं-न्यायमूर्ति संजीव नरूला

    न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने पूर्व एयर इंडिया पायलट कैप्टन दीपक कुमार द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आरोप निराधार हैं और किसी भी सुबूत से समर्थित नहीं हैं।

    न्यायमूर्ति नरूला ने कहा कि याचिका में प्रधानमंत्री और भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ कई निराधार, बेबुनियाद और निंदनीय आरोप शामिल हैं।

    याचिकाकर्ता के दावे सत्य की परवाह किए बिना-अदालत

    जिनमें से कोई भी दस्तावेजी सुबूतों से समर्थित नहीं था। अदालत ने कहा कि आरोप न्यायिक प्रक्रिया की अखंडता को कमजोर करते हैं। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के दावे सत्य की परवाह किए बिना किए गए थे और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें हेरफेर या गुमराह करने के लिए डिजाइन किया गया था।

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    अदालत ने कहा कि यह दृष्टिकोण न केवल याचिकाकर्ता की विश्वसनीयता को बदनाम करता है बल्कि अनावश्यक रूप से कानूनी प्रणाली पर भी बोझ डालता है।

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