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    Yuvraj Singh: क्रिकेटर युवराज सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की याचिका, की ये अपील; जानें पूरा मामला

    Updated: Tue, 09 Jul 2024 03:38 PM (IST)

    भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने अदालत से कहा है कि डेवलपर के साथ उनके विवाद का निपटारा करने के लिए एक मध्यस्थ नियुक्त हो। इस केस में अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी। युवराज का आरोप है कि डेवलपर ने उनके ब्रांड मूल्य का दुरुपयोग किया है। दोनों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन हुआ है।

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    क्रिकेटर युवराज सिंह ने विवाद का निपटारा करने के लिए मध्यस्थ नियुक्त करने की मांग की। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। (Yuvraj Singh Case) क्रिकेटर युवराज सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर एक डेवलपर के साथ उनके विवाद का निपटारा करने के लिए मध्यस्थ नियुक्त करने की मांग की है।

    युवराज की याचिकाओं पर नोटिस जारी

    न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 11 के तहत दायर मध्यस्थ की नियुक्ति की मांग करने वाली युवराज की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई अब पांच अगस्त को होगी।

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    युवराज ने एमओयू की शर्तों का उल्लंघन का लगाया आरोप

    आरोप है कि एक रियल एस्टेट परियोजना को बढ़ावा देने के दौरान उनके निजता अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। अपनी निजता के उल्लंघन से संबंधित नोटिस में, युवराज ने कहा कि डेवलपर ने उनके ब्रांड मूल्य का दुरुपयोग किया है और 24 नवंबर, 2020 को दोनों के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) की शर्तों का उल्लंघन किया है।

    एमओयू के अनुसार युवराज को संबंधित परियोजना का प्रचार और समर्थन करना था। पिछले साल 23 नवंबर को एमओयू की अवधि समाप्त हो गई थी। इसी वर्ष जून माह में युवराज ने डेवलपर मेसर्स ब्रिलियंट एटोइल प्राइवेट लिमिटेड को मध्यस्थता के लिए दो नोटिस भेजे थे।

    अपार्टमेंट में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता से समझौता-युवराज

    युवराज ने कहा कि एमओयू के समाप्त होने के बाद भी वो उनके द्वारा दी की गई सेवाओं के वाणिज्यिक उपयोग को जारी रखने से व्यथित हैं। उन्होंने कहा कि एमओयू की समाप्ति के बावजूद बिलबोर्ड, प्रोजेक्ट साइट, सोशल मीडिया पोस्ट, लेख आदि पर उनकी तस्वीरों का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह उनके कॉपीराइट, व्यक्तित्व अधिकार, कानूनों के तहत निहित प्रचार के अधिकार और उनके बौद्धिक संपदा अधिकारों के रूप में संरक्षित अधिकारों का पूर्ण उल्लंघन है।

    उन्होंने प्रोजेक्ट में एक फ्लैट के कब्जे से संबंधित दूसरे नोटिस में कहा कि डेवलपर डिलीवरी की समयसीमा और शेड्यूल का पालन करने में विफल रहा है और इस प्रकार बिक्री के समझौते का उल्लंघन किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि डेवलपर ने अपार्टमेंट में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता से समझौता किया और फिटिंग, साज-सज्जा, लाइटिंग और फिनिशिंग की गुणवत्ता को कम किया है।

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