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    Jamia Violence Case: शरजील इमाम को नहीं मिली राहत, दिल्ली HC ने कार्यवाही पर रोक लगाने से किया इनकार

    Updated: Thu, 27 Mar 2025 07:11 PM (IST)

    Sharjeel Imam Case दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में जेएनयू पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इमाम की आरोप तय को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। सुनवाई 24 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इस लेख के माध्यम से पढ़िए पूरी खबर।

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    शरजील इमाम के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से हाई कोर्ट का इनकार। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जामिया हिंसा मामले में ट्रायल कोर्ट के समक्ष जेएनयू पूर्व छात्र शरजील इमाम के विरुद्ध चल रही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।

    न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने साथ ही आरोप तय को चुनौती देने वाली इमाम की याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 24 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।

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    इमाम ने विवादित आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की

    अधिवक्ता तालिब मुस्तफा और अहमद इब्राहिम के माध्यम से दायर याचिका के साथ ही एक अर्जी दायर कर इमाम ने विवादित आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है।

    हालांकि, पीठ ने अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष के जवाब आने पर ही कोई आदेश पारित किया जा सकता है। अदालत ने आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की मांग वाली अर्जी पर भी जवाब दाखिल करने का दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया।

     नफरत फैलाने वाला, एक धर्म को दूसरे के खिलाफ लड़ाने वाला-कोर्ट

    ट्रायल कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तन्हा और नौ अन्य लोगों के खिलाफ मामले में आरोप तय किए थे। कोर्ट ने पाया था कि शरजील इमाम न केवल भीड़ को भड़काने वाला भाषण दिया था, बल्कि हिंसा भड़काने की बड़ी साजिश भी रची थी।

    ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि एक पीएचडी छात्र होने के नाते शरजील इमाम ने अपने भाषण को “चालाक ढंग से” पेश किया था। ट्रायल कोर्ट ने यह भी कहा था कि शरजील का भाषण नफरत फैलाने वाला था और एक धर्म को दूसरे के खिलाफ उकसाने वाला था।

    इमाम के विरुद्ध की गई प्राथमिकी में आरोप है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी वाहनों और निजी वाहनों सहित लगभग 41 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। साथ ही पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया गया था।

    अदालत ने जेल अधिकारियों से बाल्यान की मेडिकल रिपोर्ट मांगी

    वहीं पर एक अन्य मामले में राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने मंडोली जेल अधिकारियों से महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत गिरफ्तार आप नेता नरेश बाल्यान की मेडिकल स्थिति पर रिपोर्ट मांगी।

    बाल्यान (Naresh Balyan Case) ने अदालत में आवेदन दायर कर दावा किया कि उन्हें डॉक्टर द्वारा सुझाई गई चिंता की दवा नहीं दी जा रही है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने मंडोली जेल के अधिकारियों को 28 मार्च तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। वहीं, न्यायाधीश ने बाल्यान की न्यायिक हिरासत यही 16 अप्रैल तक बढ़ा दी।

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