चुनावी उम्मीदवारों के खर्च की सीमा तय करने से जुड़ी याचिका खारिज, दिल्ली HC ने कहा- आयोग का अधिकार क्षेत्र
दिल्ली हाई कोर्ट ने राजनीतिक दलों के चुनावी खर्च की सीमा तय करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है क्योंकि यह मामला पहले से ही सरकार के विचाराधीन है। अदालत ने याचिकाकर्ता को सक्षम अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन देने की अनुमति दी है। याचिकाकर्ता ने आदर्श आचार संहिता को दो महीने पहले लागू करने और उम्मीदवारों के हलफनामे के प्रसार की मांग की थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों और चुनावी उम्मीदवारों के खर्च की सीमा तय करने सहित अन्य सुधारों की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि यह मुद्दा पहले से ही सरकार के समक्ष विचाराधीन है।
कोर्ट ने कहा कि नीतिगत मामले में अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती। निर्वाचन आयोग को निर्देश जारी करने से इन्कार करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता को सक्षम प्राधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन देने की अनुमति दी और याचिका का निपटारा कर दिया।
वजीरपुर निर्वाचन क्षेत्र से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने का दावा करने वाले आकाश गोयल ने याचिका दायर कर निर्वाचन आयोग को मतदान की तारीख से कम से कम दो महीने पहले आदर्श आचार संहिता लागू करने के निर्देश देने की मांग की, जो वर्तमान में एक महीने है।
उन्होंने यह भी निर्देश देने की मांग की कि उम्मीदवारों से संबंधित हलफनामा, संपत्ति का विवरण, आपराधिक रिकाॅर्ड की जानकारी का मतदाता पर्चियों के साथ इलेक्ट्राॅनिक/भौतिक माध्यम से प्रभावी प्रसार सुनिश्चित करे।
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