Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली हाई कोर्ट की करोल बाग बाजार में कॉमर्शियल वाहनों की एंट्री पर सख्ती, सुबह 7 से रात 10 बजे तक प्रवेश बंद

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 04:24 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने करोल बाग बाजार में सुबह 7 से रात 10 बजे तक वाणिज्यिक वाहनों के प्रवेश पर रोक का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस और परिवहन विभाग की कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए ई-रिक्शा समेत सभी वाणिज्यिक वाहनों पर तय समयावधि में लोडिंग-अनलोडिंग रोकने के निर्देश दिए। अतिक्रमण पर निगम से ब्यौरा मांगा गया है।

    Hero Image
    करोल बाग बाजार में वाणिज्यिक वाहनों पर रोक सख्ती से लागू करने का हाई कोर्ट का आदेश।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने करोल बाग बाजार इलाके में सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक वाणिज्यिक वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक लागू करने का सख्त निर्देश दिया है। अदालत ने पुलिस आयुक्त और परिवहन आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वर्ष 2018 में दिए गए उसके आदेश का कड़ाई से पालन हो।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पार्किंग नियमों का उल्लंघन

    मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस और परिवहन विभाग की अब तक की कार्रवाई नाकाफी है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि करोल बाग बाजार में लोडिंग-अनलोडिंग और पार्किंग नियमों का उल्लंघन आसानी से देखा जा सकता है।

    तय समयावधि में रोक लगे

    अदालत ने यह भी कहा कि हाल ही में लिए गए फैसले के तहत ई-रिक्शा और ई-कार्ट समेत सभी वाणिज्यिक वाहनों की लोडिंग-अनलोडिंग व पार्किंग पर तय समयावधि में रोक लगाई गई है, जिसका सख्ती से पालन होना चाहिए।

    कोई ठोस कदम नहीं उठाया

    सुनवाई के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने जानकारी दी कि बाजार में भीड़ कम करने के लिए बूम बैरियर और एएनपीआर कैमरे लगाने का प्रस्ताव पहले ही पीडब्ल्यूडी को भेजा गया था। अगस्त 2024 और इस वर्ष फिर से याद दिलाने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

    सुझावों को क्यों लागू नहीं किया?

    इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार से शपथपत्र दायर करने को कहा है कि आखिर सुझावों को क्यों लागू नहीं किया गया।

    साथ ही, अदालत ने परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से भी शपथपत्र मांगा है कि अब तक आदेशों के पालन के लिए क्या कदम उठाए गए।

    वहीं, नगर निगम से पिछले तीन माह में करोलबाग क्षेत्र में हुई अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है।

    यह भी पढ़ें- 'बिना उचित सुनवाई आरोपित को जेल में सड़ने नहीं दिया जा सकता', सुप्रीम कोर्ट ने जल्द मामला निपटारे का दिया आदेश