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    दिल्ली HC में उठा जस्टिस के बंगले से मिली मोटी रकम का मुद्दा, कोर्ट नहीं पहुंचे यशवंत वर्मा; हर कोई स्तब्ध

    By Agency Edited By: Kapil Kumar
    Updated: Fri, 21 Mar 2025 02:03 PM (IST)

    राजधानी दिल्ली में एक बहुत हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जज के बंगले में आग लगने के दौरान मकान से भारी मात्रा में कैश पाया गया जिसे देखकर कर्मचारियों के होश उड़ गए थे। वहीं शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में भी यह मुद्दा उठा। इस दौरान जस्टिस यशवंत वर्मा कोर्ट नहीं पहुंचे। आगे विस्तार से जानिए पूरा मामला किया है।

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    दिल्ली में हाईकोर्ट के जज के बंगले में आग लगने का मामला। फाइल फोटो

    पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले से मिली मोटी रकम का मुद्दा शुक्रवार को हाईकोर्ट में भी उठा। इस दौरान कहा गया कि इस घटना से हर कोई स्तब्ध है।

    बता दें कि न्यूज एजेंसी पीटीआई में ये दावा किया गया था कि बंगले में आग लगने के दौरान फायर ब्रिगेड की टीम को वहां से भारी मात्रा में कैश मिला था। उन्होंने नकदी की वीडियो भी बनाई थी। 

    वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट के जज के घर से नकदी बरामद होने पर कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने कहा, "अगर यह सच है तो यह बहुत गंभीर मुद्दा है और मैं कॉलेजियम से पूछना चाहूंगा कि आगे क्या होगा। आज हम राज्यसभा में भारत के उपराष्ट्रपति से भी मिलेंगे।

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    उन्होंने कहा कि हम और तथ्यों का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि हमें नहीं पता कि यह रकम कितनी थी, क्या यह जब्त की गई थी? इसके अलावा, हम यह भी चाहेंगे कि भारत के कानून मंत्री संसद में आकर इस बारे में बयान दें।"

    हर कोई घटना से स्तब्ध : मुख्य न्यायाधीश

    दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास में बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी मिलने का मामला शुक्रवार को हाईकोर्ट में भी उठा। शुक्रवार को सुबह वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भारद्वाज ने मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय के समक्ष न्यायमूर्ति वर्मा से संबंधित मुद्दे का उल्लेख किया। 

    उन्होंने कहा कि इस घटना के कारण हममें से कई लोग दुखी हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि प्रशासनिक स्तर पर कुछ कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और न्याय व्यवस्था की सत्यनिष्ठा बनी रहे। उन्होंने कहा कि हम स्तब्ध और हताश हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया कि हर कोई स्तब्ध ही है और कोर्ट इस बात से अवगत है। 

    वहीं, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा शुक्रवार को कोर्ट में नहीं बैठे। उनके स्टाफ ने उनके अवकाश पर होने की कोर्ट में सूचना दी। मिली जानकारी के अनुसार, यह नकदी तब मिली जब आवास में आग लगने पर एक फायर ब्रिगेड आग बुझाने के लिए न्यायाधीश के आवास पर पहुंची। हालांकि, न्यायमूर्ति वर्मा उस समय अपने आवास पर नहीं थे। जब अग्निशमन कर्मियों को नकदी का ढेर मिला, तो उन्होंने इसकी तस्वीरें और वीडियो बनाए और अपने वरिष्ठों को सूचित किया। अंततः, मामले की सूचना सरकार के उच्च अधिकारियों को दी गई, जिन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को सूचित किया। 

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    इसके कारण सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस मामले पर चर्चा करने के लिए गुरुवार शाम को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की एक असाधारण बैठक बुलाई। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का फैसला किया। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा मूल रूप से इलाहाबाद उच्च न्यायालय से संबंधित थे और वर्ष 2021 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था।

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