शेहला राशिद की याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट का NBDSA को निर्देश, कहा- अपने आदेश में करें संशोधन
जेएनयू की छात्रा शेहला राशिद की एक याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट ने न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDSA) सहित पत्रकार सुधीर चौधरी को नोटिस जारी किया है। मामला साल 2020 के एक कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है जिसमें शेहला के पिता ने उन पर कई संगीन आरोप लगाए थे।

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद (shehla rashid) की एक याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट (Delhi High Court) ने न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDSA) और अन्य के खिलाफ नोटिस जारी किया है। यह याचिका साल 2020 में एक टेलीविजन चैनल पर प्रसारित एक कार्यक्रम से संबंधित है।
क्या था मामला
30 नवंबर 2020 की रात को जी न्यूज पर प्रसारित एक कार्यक्रम में शेहला के पिता अब्दुल राशिद शोरा का साक्षात्कार दिखाया गया था, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी के खिलाफ कई बातें कही थी। कार्यक्रम में अब्दुल राशिद ने शेहला सहित उनकी मां और बेटी पर भी गंभीर आरोप लगाए थे।
शेहला पर आतंकी फंडिंग जैसी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में भी शामिल होने का आरोप लगाया गया। कार्यक्रम में शेहला के पिता का इंटरव्यू सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) ने लिया था।
मालूम हो कि शेहला के पिता उनकी मां से अलग हो चुके हैं और शेहला पर आरोप भी बिना किसी सबूत के लगाए थे और बताया गया कि इस दौरान पत्रकार ने आग में घी डालने का काम किया था।
शेहला ने NBDSA में दर्ज कराई शिकायत
30 नवंबर 2020 को रात 11 बजे प्रसारित इस कार्यक्रम के खिलाफ शेहला ने NBDSA में शिकायत दर्ज कराई थी। NBDSA ने 31 मार्च, 2022 के अपने आदेश में कहा कि शेहला के पिता ने साक्षात्कार के दौरान उसके खिलाफ जो भी आरोप लगाए उसे चैनल ने एकतरफा पेश किया था।
आदेश में यह भी कहा गया कि कार्यक्रम को प्रसारित करने से पहले चैनल ने शेहला से संपर्क कर उसका पक्ष नहीं जाना और न ही चैनल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में शिकायतकर्ता के पक्ष को पोस्ट करते समय पर्याप्त दिशानिर्देशों का पालन किया।
इतना ही नहीं, चैनल ने शेहला का पक्ष प्रस्तुत करने की कोई जहमत नहीं उठाई। सिर्फ इतना कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि शेहला ने उनके पिता के लगाए आरोपों को खारिज किया है।
NBDSA ने अपने आदेश में कहा कि कार्यक्रम में जेएनयू से संबंधित कुछ विजुअल दिखाए गए, जिसका कोई तुक नहीं बनता है। आदेश में महज चेतावनी जारी करते हुए यह कहा गया कि चैनल को भविष्य में सावधान रहना चाहिए और भविष्य में इस तरह के उल्लंघनों को दोहराने से बचना चाहिए।
आदेश पर शेहला की प्रतिक्रिया
एनबीडीएस के इस आदेश पर शेहला जाहिर तौर पर खुश नहीं हुई थीं। शेहला का कहना था कि उसकी शिकायत को सही पाए जाने और उसके पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बावजूद चैनल से न तो सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात कही गई और न ही मुआवजा देने का जिक्र किया गया।
इसके बाद शेहला ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने शेहला की याचिका पर NBDSA को अपने आदेश में संसोधन लाने की बात कही है।
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