Bulldozer In Shaheen Bagh: आप विधायक अमानतुल्लाह को HC से मिली राहत, दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस
Bulldozer In Shaheen Bagh दिल्ली के शाहीनबाग में बुलडोजर कार्रवाई का विरोध करने वाले आप नेता अमानतुल्लाह खान को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इस मामले में निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Bulldozer In Shaheen Bagh: राजधानी दिल्ली के शाहीनबाग में बुलडोजर कार्रवाई का विरोध करने वाले आप नेता अमानतुल्लाह खान को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इस मामले में निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए आदेशित किया है। फिलहाल, इस मामले में अगली सुनवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी।
दरअसल, आरोपित कांग्रेस नेता और वकील आरफा खान ने समन आदेश और 8 सितंबर, 2022 के विशेष न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी थी । मामले में दायर आरोपपत्र और उससे होने वाली किसी भी अन्य कार्यवाही को रद्द करने वाली याचिका दायर की गई थी। शाहीनबाग इलाके में बुलडोज़र कार्यवाही का विरोध करने पर अमानतुल्लाह खान समेत 12 लोगों पर FIR दर्ज कराई गई थी।
इससे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष और वर्तमान में आम आदमी पार्टी (AAP) से विधायक अमानतुल्लाह खान और बोर्ड के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी महबूब आलम के खिलाफ अदालत में मुकदमा चलाने की अनुमति सीबीआइ को दे दी है। इन दोनों पर नियम, कानून का जानबूझकर और आपराधिक उल्लंघन, पद का दुरुपयोग करने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
वक्फ बोर्ड की नियुक्तियों में गड़बड़ी का आरोप
दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के एसडीएम (मुख्यालय) ने नवंबर 2016 में एक शिकायत दर्ज कराई थी। अमानतुल्लाह खान पर आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड में स्वीकृत और गैरस्वीकृत पदों पर मनमाने ढंग से नियुक्तियां की हैं।
CBI को मिले पुख्ता सबूत
अपने खास और पहचान वाले व्यक्तियों को अवांछनीय और अनधिकृत लाभ प्रदान करने के लिए अमानतुल्लाह खान ने समानता और अवसर के अधिकार के मूल सिद्धांत को दरकिनार कर दिया था। सूत्रों के अनुसार अदालत में मुकदमा चलाने के लिए सीबीआइ की जांच में भ्रष्टाचार और साजिश रचने के पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। उपराज्यपाल ने इन्हीं तथ्यों के आधार पर मुकदमा चलाने को मंजूरी दी थी।
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