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Kathua Case 2018: पहचान उजागर करने के मामले में जुर्माना नहीं देने पर अल जजीरा मीडिया को HC ने फिर भेजा नोटिस

Kathua Case 2018 वर्ष 2018 के चर्चित कठुआ दुष्कर्म व हत्या के मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने के बदले दस लाख रुपये का जुर्माना नहीं अदा करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कतर स्थित अल जजीरा मीडिया नेटवर्क को एक नया नोटिस जारी किया है।

By Vineet TripathiEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Wed, 16 Nov 2022 08:37 PM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2022 08:37 PM (IST)
Kathua Case 2018:  पहचान उजागर करने के मामले में जुर्माना नहीं देने पर अल जजीरा मीडिया को HC ने फिर भेजा नोटिस
Kathua Case 2018: अल जजीरा के अलावा सभी मीडिया हाउस ने जुर्माना राशि जमा कर दी थी।

नई दिल्ली जागरण संवाददाता। Kathua Case 2018: वर्ष 2018 के चर्चित कठुआ दुष्कर्म व हत्या के मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने के बदले दस लाख रुपये का जुर्माना नहीं अदा करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कतर स्थित अल जजीरा मीडिया नेटवर्क को एक नया नोटिस जारी किया है। मीडिया कंपनी की तरफ किसी के पेश नहीं होने पर मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने अल जजीरा को एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा।

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केंद्र सरकार को अल जजीजा का उचित पता देने का निर्देश

मामले में अगली सुनवाई 13 फरवरी 2023 को होगी।वर्ष 2018 से अब तक अल जजीरा को चार नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन मीडिया संगठन की तरफ से अदालत में कोई पेश नहीं हुआ और न ही धन जमा कराया। रिकार्ड के अनुसार 14 मार्च 2019 को अदालत ने कहा था कि अगर न्यूज नेटवर्क अगली तारीख पर पेश नहीं होता है, तो आगे कोई नोटिस जारी किए बिना उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।इसके बाद 1 मई 2019 और फिर 18 फरवरी 2020 को नोटिस जारी कर केंद्र सरकार को अल जजीजा का उचित पता देने का निर्देश दिया।

अप्रैल 2018 में हाई कोर्ट ने कठुआ मामले का स्वत: लिया संज्ञान

अप्रैल 2018 में हाई कोर्ट ने कठुआ मामले का स्वत: संज्ञान लेकर अल जजीरा समेत कई न्यूज चैनल समेत दो दर्जन नेटवर्क और प्रकाशनों को पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के मानदंडों और प्रविधानों का उल्लंघन करने के लिए नामित किया है। साथ ही मीडिया कंपनियों को 10-10 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।यह राशि यौन हिंसा के पीड़ितों और मृतक पीड़ितों के परिवारों को संवितरण के लिए जम्मू और कश्मीर राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को हस्तांतरित की जानी थी।अल जजीरा के अलावा सभी मीडिया हाउस ने जुर्माना राशि जमा कर दी थी।

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