Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    अतिक्रमण के नाम पर चुनिंदा दरगाहों-मजारों को हटाने की मांग क्यों ? एनजीओ को हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 11:09 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने यमुना के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनी मजारों को हटाने की याचिका पर एनजीओ की नीयत पर सवाल उठाए। अदालत ने पूछा कि केवल मजारों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है अन्य अतिक्रमण क्यों नहीं दिखते? अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया। याचिका में बुध विहार और अन्य स्थानों पर मजारों को हटाने की मांग की गई थी।

    Hero Image
    अतिक्रमण के नाम पर चुनिंदा दरगाहों-मजारों को हटाने की मांग क्यों ? हाई कोर्ट ने पूछा।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। यमुना के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनी एक मजार व तीन दरगाहों को हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सवाल उठाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को एनजीओ की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अदालत ने टिप्पणी की कि बाकी जगहों का अतिक्रमण क्यों नहीं देखते और वह चुनिंदा तौर पर दरगाहों और मजारों को हटाने की मांग क्यों कर रहे हैं ? मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ पूछा कि अतिक्रमण करने वाली दरगाहों को चुनिंदा रूप से कैसे सामने लाते हैं?

    पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि यह संगठन की पांचवीं या छठी याचिका होगी जिसमें मजारों को हटाने की मांग की जा रही है। पीठ ने पूछा मजारों को ही क्यों चुना जा रहा है? पीठ ने कहा कि अगर याची वास्तव में जनता की सेवा करना चाहते हैं, तो और भी कई तरीके हैं।

    अदालत ने सुझाव दिया कि फाउंडेशन की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता को कुछ बेहतर जनहित कार्य करने की सलाह दें। अदालत ने याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लेकर अधिकारियों उचित निर्णय लेने का निर्देश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।

    याचिका सेव इंडिया फाउंडेशन की तरफ से दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि मजार बुध विहार फेज-दो में है, जबकि तीन दरगाहें रोहतक रोड, सीलमपुर और बुराड़ी में हैं।

    इससे पहले जुलाई माह में ट्रस्ट की एक अन्य याचिका का निपटारा किया था, जिसमें बवाना में कब्रिस्तान/श्मशान घाट के लिए निर्धारित चार हजार वर्ग मीटर के दो भूखंडों पर अतिक्रमण का आरोप लगाया गया था।

    इसके अलावा वजीरपुर में एमसीडी स्कूल की जमीन पर एक मस्जिद और दुकानों द्वारा अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए भी याचिका दायर की गई थी।

    यह भी पढ़ें- सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दिल्ली पुलिस ने टीवी अभिनेता को पुणे से किया गिरफ्तार