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    Delhi News: 'छोड़ दीजिए आप लोग नौकरी...', अवैध निर्माणों के खिलाफ MCD की विफलता पर HC ने लगाई अफसरों की क्लास

    Updated: Thu, 01 Feb 2024 06:00 AM (IST)

    Delhi High Court दिल्ली हाई कोर्ट ने चांदनी महल क्षेत्र में कुछ अवैध और अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर बुधवार को एमसीडी अध ...और पढ़ें

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    अवैध निर्माणों के खिलाफ MCD की विफलता पर हाई कोर्ट ने लगाई अफसरों की क्लास

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली।  दिल्ली हाई कोर्ट ने चांदनी महल क्षेत्र में कुछ अवैध और अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर बुधवार को एमसीडी अधिकारियों की खिंचाई की।

    पीठ में न्यायधीश मनमीत पीएस अरोड़ा थे शामिल

    कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने अदालत में मौजूद अधिकारियों को चेतावनी दी और सवाल किया कि अवैध निर्माणों को हटाने के साथ-साथ काम रोकने के पहले के आदेश की सूचना के बावजूद निर्माण गतिविधि को कैसे जारी रखने की अनुमति दी गई। पीठ में न्यायाधीश मनमीत पीएस अरोड़ा भी शामिल थे।

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    पीठ ने कहा, आप सोच रहे होंगे कि यह सरकारी नौकरी इसके लायक नहीं है। यदि आप इसे नहीं करना चाहते हैं, तो इसे छोड़ दें। आपको पता नहीं चलता कि सीमेंट कब आता है। जब याचिका अदालत में लंबित हो तो (अधिकारियों को) सतर्क रहना होगा। उनकी नौकरी खतरे में है।

    बिल्डर को भेजा गया था कारण बताओ नोटिस

    अदालत की ये टिप्पणियां एक एनजीओ की याचिका पर आईं, जिसमें दावा किया गया था कि काम रोकने के नोटिस और कारण बताओ नोटिस के बावजूद, पिछले न्यायिक आदेश का उल्लंघन करते हुए संबंधित स्थल पर अवैध और अनधिकृत निर्माण बेरोकटोक जारी है। एमसीडी के वकील ने कहा कि निर्माण गतिविधि एक मुखौटा के पीछे की जा रही थी और अधिकारी बिना अनुमति के संपत्ति में प्रवेश नहीं कर सकते, लेकिन बिल्डर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

    MCD ने दिया विध्वंस करने का आश्वासन

    कोर्ट को बताया गया कि ध्वस्तीकरण के आदेश पांच फरवरी के लिए जारी किए गए हैं। अदालत ने अधिकारियों से बताने को कहा कि चल रहा अवैध निर्माण कैसे याचिकाकर्ता को दिखाई दे रहा था, लेकिन उन्हें नहीं, और कहा कि उपग्रह चित्र सभी के देखने के लिए उपलब्ध हैं।

    अदालत ने कहा, उन्हें विश्वास है कि वे (एमसीडी) आंखें मूंद लेंगे। याचिकाकर्ता को कैसे पता चलता है, लेकिन अधिकारी को नहीं, जबकि पुलिस कह रही है कि हमने 15 दिन पहले सूचित किया था। एमसीडी के अधिवक्ता ने आश्वासन दिया कि विध्वंस किया जाएगा, और अदालत ने पुलिस को सहायता प्रदान करने के लिए कहा।

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