दिल्ली हाई कोर्ट का फर्जी वेबसाइट्स और ऐप्स पर शिकंजा, प्रेमजी इन्वेस्ट के नाम पर ठगी रोकने का आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रेमजी इन्वेस्ट के नाम से चल रही फर्जी वेबसाइटों और ऐप्स पर रोक लगा दी है। अदालत ने निवेशकों को इन फर्जी प्लेटफॉर्मों से होने वाली धोखाधड़ी से बचाने के लिए यह कदम उठाया है। कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय और गूगल को भी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं ताकि आम जनता को ठगी से बचाया जा सके।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने फर्जी वेबसाइट्स, डोमेंस और मोबाइल एप्लिकेशंस को प्रेमजी इन्वेस्ट नाम और लोगो का इस्तेमाल करने से रोक दिया है। अदालत ने कहा कि इन फर्जी प्लेटफाॅर्म्स द्वारा निवेशकों को गुमराह कर ठगी करने की आशंका है। इससे अजिम प्रेमजी फाउंडेशन और उसके निवेश समूह की साख को गंभीर नुकसान हो सकता है।
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने कहा कि प्रतिवादी पक्ष ने प्रेमजी शब्द का इस्तेमाल कर नकली वेबसाइट, ऐप और वाट्सएप ग्रुप बनाए व वरिष्ठ प्रबंधन के नाम और तस्वीरों का गलत उपयोग किया।
यह मामला पीआई इंवेस्टमेंट एडवाइजरी एलएलपी की याचिका पर दायर हुआ था। कंपनी का कहना था कि कुछ अज्ञात लोग प्रेमजीएक्स(डॉट)काॅम और प्लैडैड गूगल डाट ओआरजी जैसे डोमेन नामों के जरिए जनता को निवेश के लिए लालच देकर ठगी कर रहे थे।
अदालत ने तुरंत इन डोमेंस को लाॅक और सस्पेंड करने का आदेश दिया। साथ ही, इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और दूरसंचार विभाग को निर्देश दिया कि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के जरिए इन फर्जी वेबसाइटों और एप्लिकेशंस की पहुंच रोकें। कोर्ट ने गूगल को भी ऐसे नकली एप्प हटाने का आदेश दिया।
अदालत ने कहा कि आगे भी यदि कोई नया फर्जी डोमेन या ऐप सामने आता है तो उसे तुरंत ब्लाक किया जाए, ताकि आम जनता को धोखे से बचाया जा सके।
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