RAW पर किताब लिखने के मामले में हाईकोर्ट का आदेश: वीके सिंह कर सकेंगे दस्तावेजों का निरीक्षण
दिल्ली हाई कोर्ट ने मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह को राॅ से जुड़ी गोपनीय जानकारी प्रकाशित करने के मामले में बचाव के लिए दस्तावेज देखने की अनुमति दी। अदालत ने सीबीआई के विरोध को खारिज करते हुए निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को प्राथमिकता दी। वीके सिंह ने 2007 में एक पुस्तक प्रकाशित की थी जिसके बाद सीबीआई ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 2007 में लिखी अपनी पुस्तक में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (राॅ) के बारे में कुछ गोपनीय जानकारी प्रकाशित करने से जुड़ी प्राथमिकी के मुदकमे में अपना बचाव करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह को संबंधित दस्तावेज को देखने की अनुमति दी है। न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि सीबीआई दस्तावेज को देखने के अनुरोध का विरोध नहीं किया है और एजेंसी ने केवल यह कहा है कि चूंकि दस्तावेज संवेदनशील हैं। इसलिए उनकी हार्ड काॅपी उपलब्ध नहीं कराई जाए। यह मामला सीबीआई ने किया था।
2002 में सेवानिवृत्त होने के बाद वीके सिंह ने जून 2007 में "भारत की बाहरी खुफिया जानकारी - रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (राॅ) के रहस्य'' नामक पुस्तक प्रकाशित की थी। इसके बाद सीबीआई ने एक प्राथमिकी की थी और 2008 में निचली अदालत में एक शिकायत और पुलिस रिपोर्ट दायर की गई। वीके सिंह के खिलाफ मामला भारत सरकार कैबिनेट सचिवालय के एक उप सचिव द्वारा शुरू किया गया था। सीबीआई की शिकायत यह थी कि पुस्तक में अधिकारियों के नाम, विभिन्न स्थानों का स्थान और जीओएम की सिफारिशों आदि का खुलासा किया गया था।
सीबीआई ने वीके सिंह व अन्य व्यक्ति को ट्रायल कोर्ट में मौजूद कुछ दस्तावेजाें की प्रतियां उपलब्ध कराने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। सीबीआई की अपील याचिका का निपटारा करते हुए पीठ ने कहा कि अभियुक्तों को दस्तावेज उपलब्ध कराने का उद्देश्य भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत अभियुक्त के निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को सशक्त बनाना है। पीठ ने कहा कि इसका उद्देश्य अभियुक्त के उस अधिकार की रक्षा करना है कि उसे वह सभी सामग्री उपलब्ध कराई जाए जिसका अभियोजन पक्ष मुकदमे में उपयोग करना चाहता है। ऐसे में पीठ ने दस्तावेज की प्रतियां उपलब्ध कराने के बजाय वीके सिंह और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दस्तावेज के निरीक्षण की अनुमति दे दी।
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