संसद यात्रा व्यय विवाद पर इंजीनियर रशीद की याचिका पर फैसला सुरक्षित, दिल्ली HC को पुलिस ने दिया स्पष्टीकरण
दिल्ली हाई कोर्ट ने संसद में उपस्थित होने के लिए यात्रा व्यय के आदेश के खिलाफ इंजीनियर रशीद की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। दिल्ली पुलिस ने जुर्माने के तरीके पर स्पष्टीकरण दिया। रशीद ने 25 मार्च को पारित आदेश में संशोधन की मांग की है जिसमें संसद सत्र में भाग लेने के लिए कस्टडी पैरोल देते हुए जेल अधिकारियों के पास लगभग चार लाख जमा करने को कहा था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। संसद में उपस्थित होने के लिए लगाए गए यात्रा व्यय लगाने के आदेश के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने जुर्माना लगाने के तरीके पर स्पष्टीकरण दिया। रशीद ने 25 मार्च को एक समन्वय पीठ द्वारा पारित आदेश में संशोधन की मांग की है, जिसमें संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए कस्टडी पैरोल देते हुए जेल अधिकारियों के पास लगभग चार लाख जमा करने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस का स्पष्टीकरण
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने यात्रा व्यय के रूप में जुर्माना लगाने की प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण पेश किया। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि यह राशि संसद सत्र में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं, जैसे सुरक्षा और परिवहन, के लिए निर्धारित की गई थी। हालांकि, रशीद ने इस राशि को जमा करने के आदेश को चुनौती दी, इसे अनुचित और बोझिल बताते हुए।
रशीद का पक्ष और मांग
इंजीनियर रशीद ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि संसद सत्र में भाग लेना उनका संवैधानिक अधिकार है, और इस तरह के वित्तीय दायित्व उनके कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा उत्पन्न करते हैं। उन्होंने कोर्ट से मांग की कि इस आदेश को संशोधित किया जाए ताकि बिना किसी वित्तीय शर्त के उन्हें कस्टडी पैरोल दी जाए। रशीद का कहना है कि यह शर्त न केवल उनके लिए, बल्कि अन्य सांसदों के लिए भी एक गलत मिसाल कायम कर सकती है।
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